नई दिल्ली । चीनी राजदूत सुन वेदोंग ने कहा कि भारत से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता महत्वपूर्ण है, लेकिन यह द्विपक्षीय संबंधों की पूरी कहानी नहीं है। साथ ही संबंधों की मौजूदा स्थिति बिल्कुल ही किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। उनका यह बयान लद्दाख सैन्य गतिरोध के बीच आया है। पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध उत्पन्न होने के बाद, भारत ने निरंतर सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता कायम रखी है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक है। चीन-भारत संबंधों पर ट्रैक 2 वार्ता में भारत में नियुक्त चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों देशों को टकराव और संघर्ष के गलत रास्ते को चुनने के बजाय शांतिपूर्ण विकास का पथ चुनना चाहिए तथा उन्हें दीवार खड़ी करने के बजाय सेतु बनाने चाहिए। सुन ने कहा कि चीन-भारत संबंध एक बार फिर चौराहे पर है और एक सही विकल्प चुनने की जरूरत है।
उन्होंने सिचुआन यूनिवर्सिटी और मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज ऐंड एनालिसिस की सह मेजबानी में हाल ही में आयोजित वार्ता में यह कहा।
उन्होंने कहा कि आखिरकार चीन और भारत को परस्पर सम्मान, वार्ता, सहयोग और परस्पर लाभ के मार्ग पर चलने के लिए साथ मिल कर काम करना चाहिए। चीनी राजदूत ने कहा कि उदाहरण के तौर पर सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता महत्वपूर्ण है, लेकिन यह द्विपक्षीय संबंधों की पूरी कहानी नहीं है। लद्दाख सीमा विवाद का जिक्र किये बगैर राजदूत ने कहा कि पिछले साल से चीन-भारत संबंधों ने ऐसी मुश्किलें देखी हैं जो कई साल से नहीं देखी गई थी और यह संबंध एक निचले स्तर पर कायम है। सुन ने कहा कि चीन और भारत को परस्पर विश्वास बढ़ाना चाहिए, गहन वार्ता करनी चाहिए और मतभेदों को उपयुक्त रूप से हल करना चाहिए तथा उन्हें विवाद नहीं बनने देना चाहिए।