जबलपुर। सियासत में साफ स्वच्छ एवं निर्विवाद छवि बहुत बिरली होती है। जबलपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद राकेश सिंह ऐसे ही बिरले नेताओं में शुमार हैं। यही वजह है कि न केवल अपने संसदीय क्षेत्र बल्कि देश और प्रदेश की भाजपा की सियासत में राकेश सिंह का नाम अग्रिम पंक्ति के नेताओं में शामिल हैं। जबलपुर से लगातार चार बार से निर्वाचित हो रहे और हर बार अपनी प्रचंड जीत का इतिहास भी बना रहे जबलपुर के वे इकलौते सांसद हैं जो हर चुनाव में अपनी जीत का अंतर बढ़ाने में कामयाब रहे।
पिछले दिनों शहर में गौंडवाना साम्राज्य के अंतिम शासक राजा शंकरशाह, कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर शहर में आयोजित कार्यक्रम को जो आशातीत सफलता मिली उससे राकेश सिंह ने एक साथ कई मोर्चों पर फतह हासिल की। उन्होंने इस कार्यक्रम का संयोजन कर न केवल अपनी संगठनात्मक क्षमता और कुशल नेतृत्व का परिचय दिया बल्कि इस कार्यक्रम से उनकी व्यापक लोकप्रियता का संदेश भी गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे भाजपा के दिग्गज नेता और देश के गृहमंत्री अमित शाह ने सभी कार्यक्रमों में राकेश सिंह की तारीफ के पुल बांधे उससे सियासी अटकलें भी तेज हो गईं। भाजपा ग्रामीण जिला अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक और वर्तमान में लोकसभा के मुख्य सचेतक (चीफ व्हिप) की भूमिका में उनका शानदार प्रदर्शन प्रदेश के बाद राष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें स्थापित करने में कामयाब रहा। यही वजह है कि उन्हें यह दायित्व लगातार दूसरी बार दिया गया।
इस दायित्व की वजह से न केवल वे पीएमओ बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम केंद्रीय मंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री से नजदीकियों में रहे। सांसद लोकसभा में अपनी बात भी वजनदारी के साथ रखते हैं। देश के आम बजट में उन्होंने बेबाकी से अभिभाषण दिया और जबलपुर के मुद्दे उठाए। आज रेल सुविधाओं में हो रहे विस्तार उन्हीं की सक्रियता का परिणाम हैं। राजनीतिक सूझबूझ और परिपक्वता का अब पर्याय बन चुके सांसद राकेश सिंह के प्रयासों का लाभ जबलपुर को भी मिल रहा है। प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर का निर्माण उनके संसदीय कार्यकाल के भविष्य का अहम उदाहरण बनेगा। वहीं हवाई कनेक्टिविटी और स्पोर्ट्स सिटी के निर्माण के लिए हरदम, हरक्षण सांसद प्रयासरत रहे। केंद्रीय मंत्रियों और प्रधानमंत्री की गुड लिस्ट में शामिल राकेश सिंह को अपने प्रयासों में सफलता भी मिली।
कार्यकर्ताओं में गया बेहतर संदेश——–
बलिदान दिवस समारोह के बीच सांसद राकेश सिंह कार्यकर्ताओं को साधने और उन तक सीधी पहुंच होने का संदेश देने में भी सफल रहे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के शहर आगमन का लाभ उठाते हुए सांसद ने बूथ अध्यक्ष कार्यकर्ता के सम्मेलन की परिकल्पना को भी साकार किया। बूथ अध्यक्षों के कार्यक्रम में अमित शाह का गर्मजोशी से स्वागत हुआ और उतनी ही गर्मजोशी से उन्होंने कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार भी किया। इस समारोह में श्री शाह का यह कहना की मैं सांसद राकेश सिंह के निमंत्रण पर ही जबलपुर आया और उन्हीं के आग्रह पर आप सबके बीच आ पाना संभव हुआ।
साथ ही उन्होंने यह भी संदेश दिया कि भाजपा ही ऐसी लोकतांत्रिक पार्टी है जिसमें बूथ में पर्ची बांटने वाला कार्यकर्ता भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनता है। उनके इस कथन से कार्यकर्ताओं में गजब के उत्साह का संचार हुआ। कोरोनाकाल में लंबे समय के बाद कार्यकर्ताओं के बीच ऐसा संवाद हुआ। इसका श्रेय का सेहरा सांसद के सिर में बंधा। इस तरह से वे कार्यकर्ताओं का मोर्चा फतह करने में सफल रहे वहीं पूरे महाकौशल में भी इस बात का संदेश गया कि सांसद हो तो ऐसा जो बड़े नेताओं को कार्यकर्ताओं के बीच लाने की अहमियत समझता हो और कार्यकर्ताओं का सम्मान बढ़ाने की फिक्र भी करता हो। इस सम्मेलन के बाद न सिर्फ महाकौशल बल्कि पूरे प्रदेश में सांसद राकेश सिंह की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ा।
उज्जवला योजना से हितग्राहियों पर भी फतह
बलिदान दिवस समारोह के दौरान सांसद राकेश सिंह ने प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव पर गरीब हितग्राहियों को नि:शुल्क गैस चूल्हा कनेक्शन प्रदान करने की उज्जवला योजना को भी उज्जवल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित भव्य समारोह में ५ लाख हितग्राहियों को नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए गए। समारोह में बड़ी संख्या में हितग्राहियों के साथ-साथ आम शहरी भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम से आम जनमानस और हितग्राहियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह की संवेदनशीलता के साथ-साथ सांसद की सक्रियता और लोकप्रियता का संदेश भी गया। एक तरह से यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि सांसद ने अपने क्षेत्र के मतदाताओं के बीच इस कार्यक्रम के जरिए फतह हासिल की।
सांसद निवास पर गृह मंत्री का आगमन
कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री अमित शाह का सांसद के सिविल लाईंस स्थित सरकारी आवास पर पहुंचना भी सियासत में हलचल मचा गया। गृहमंत्री न केवल राकेश सिंह के निवास पर करीब एक घंटे रहे बल्कि इस दौरान उन्होंने भोजन भी किया और सांसद की पूज्यनीय माताजी सहित परिवार के अन्य सदस्यों से पारिवारिक माहौल में मेल मुलाकात की। खबर तो यह भी है कि इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने सांसद निवास पर संघ की पृष्ठभूमि से आए प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव और सांसद राकेश सिंह से काफी देर तक अकेले में चर्चा की। इस गुप्त मंत्रणा को लेकर भी भाजपा के सियासी हलकों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया और अचानक राकेश सिंह का कद और बढऩे की बात होने लगी। जबलपुर का यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में चर्चा का विषय बन गया।
संगठन में दे चुके है अपनी क्षमता का परिचय
मैंने कॉलेज के दिनों में ही उनकी संगठनात्मक क्षमता का दूरदर्शिता को उनकी मित्रमंडली में शामिल होने के कारण करीब से देखा। जहाँ तक मुझे याद है राकेश सिंह ने सक्रिय राजनीति में आने के बाद अपने राजनीतिक जीवन में जब भाजपा जिला ग्रामीण अध्यक्ष का दायित्व संभाला तब उन्होंने संगठन में एक कार्यक्रम चलाया ‘गाँव-गाँव चलो, घर-घर चलो’ जनता से सीधे जुडऩे का राकेश सिंह का यह फॉमूला इतना लोकप्रिय हुआ कि शहर से प्रारंभ हुए इस अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर इसके मौलिक स्वरूप में पार्टी आलाकमान ने आत्मसात कर पूरे देश में इसे लागू किया। इस अभियान को आज भी संगठन में उनकी सबसे बड़ी राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि माना जाता है।
व्यस्तता के बीच भी अपनों को नहीं भूलते और मौका मिलते ही सामाजिक, राजनीतिक या सांस्कृतिक कार्यक्रमों, त्यौहारों के साथ सुख-दुख के मौकों पर वे निश्चित रूप से उपलब्ध होने का प्रयास करते हैं। यही वजह है कि आज भी कार्यकर्ताओं और मित्रों के बीच उनकी सर्वसुलभता, निकटता और अनुपस्थिति में उनका नेटवर्क आगंतुक को संतुष्ट करने में सफल रहा है।
कईयों की नींद उड़ा गई शाह की तारीफ
मध्य प्रदेश में हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कई नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी सांसद राकेश सिंह की तारीफ की तो कई नेताओं की नींद भी उड़ गई। गृहमंत्री श्री शाह ने जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के पूर्व बीजेपी चीफ और सांसद राकेश सिंह की तारीफ करते हुए कहा था कि जिनके निमंत्रण पर मैं यहां आया हूं और जो सही मायने में नेतृत्व कर रहे हैं, हमारे राकेश सिंह जी हैं। श्री शाह द्वारा इन शब्दों में की गई तारीफ के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस तारीफ को अलग-अलग चश्मों से देखा गया।