भोपाल । चालू महीने में दो दिन के अंदर पांच ग्रहों की स्थिति में बदलाव होने जा रहा है। इससे प्रदेश में अच्छी बरसात के अच्छे योग बन रहे है। शहर के ज्योतिषाचार्यो के अनुसार सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र, चंद्रमा बदलेंगे अपनी चाल एवं राशि। 22 जून को आर्द्रा प्रवेश होगा। इसके एक दिन पूर्व गुरु वक्री होंगे तो एक दिन बाद शुक्र राशि परिवर्तन करेंगे। इस परिवर्तन के प्रभाव से भूमि हलचल, प्रभावी हवाएं एवं प्राकृतिक प्रकोप के साथ मंगल का प्रभाव बिजली, अग्नि गिरने जैसी वर्षा की अधिकता का निर्माण करता है। उपरोक्त ग्रह योग के प्रभाव होने से षड्यंश्री ग्रहण योग भी बनेगा। इसमें मंगल राजनीतिक भूमि से संबंधित किसानी एवं सेना से संबंधित परिश्रम एवं परेशानियां निर्मित करने के संकेत देता है। राजधानी के ज्योतिषाचार्यो के अनुसार ग्रह स्थिति के अनुसार दो दिनों में पांच ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन संकट योग का प्रभाव देने में सक्षम है। दो दिनों में पांच ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन इस प्रकार से होगा। तारीख 21 सोमवार को दिन मे 12:03 पर गुरु वक्री होंगे। शुक्र 21 जून की रात्रि 12:00 बजे मिथुन राशि छोड़कर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे।
इसके पश्चात तारीख 22 जून मंगलवार को चंद्रमा प्रातः 6:33 पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इसी दिन दोपहर 1:8 पर सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। पश्चात वक्री बुध शाम 7:20 पर मार्गी होंगे। इस प्रकार सोमवार मंगलवार दो दिन में ही 36 घंटे के भीतर चार ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन होने से बनने वाले योग राजनीतिक धार्मिक एवं सामाजिक समरसता भंग करने में अक्षम होते हैं। उपरोक्त ग्रह स्थिति के प्रभाव सभी क्षेत्रों में परिलक्षित होंगे। विगत दिनों से उल्टी चाल चल रहे व्यापारिक ग्रह बुध के मार्गी होने से व्यापार व्यवस्था को गति प्राप्त होगी भगवान भास्कर के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के दौरान ग्रहण गति योग हवाओं की गति से जहां भारी नुकसान करा सकता है, वहीं मंगल का प्रभाव वर्षा के दौरान बिजली गिरने की अधिकता देगा ग्रह की स्थिति के अनुसार वर्षा प्रवेश कुंडली में कन्या लग्न का स्वाक्षेत्रीय बुध एवं राहु सूर्य का पाप ग्रह योग वर्षा मेघ से हानि होने के ग्रह योग बनाता है।
इस वर्ष रोहिणी का बास समुद्र में है समय का बास माली के घर नौकायान में होगा। आवर्त नामक मेघ वर्षा कराएगा। जंबूक वाहन पर सवार होकर वर्षा का आगमन होगा। 22 जून से वर्षा सूर्य के भ्रमण के दौरान आर्द्रा नक्षत्र से शुरू होकर हस्त नक्षत्र 11 अक्टूबर तक 8 नक्षत्रों में होगी। इसमें 12 दिन तूफानी बारिश तथा 24 दिन भारी बारिश के योग हैं। 36 दिन सामान्य बारिश होगी। कुल 72 दिन बारिश के योग बनेंगे कहीं-कहीं बारिश की अधिकता के कुप्रभाव परिलक्षित होंगे। किंचित क्षेत्रों में ही वर्षा में कमी रहेगी।न्याय के देवता शनि देव पूर्व से वक्री चाल चल रहे है अतः न्याय व्यवस्था में कसावट होगी। गुरु के वक्री होने से धार्मिक हलचल बढ़ेगी। शुक्र के मार्गी होने से सौंदर्य प्रसाधन, आराम, भोग विलास को बल प्राप्त होगा।