धरमजयगढ़।
राज्य एवं केन्द्र शासन ग्रामीणों को बीमारी से किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए बहुत सारे सुविधा दे रहे हैं। और लोगों को इसका लाभ भी मिल रहा है लेकिन विडंबना देखिए कि जनता का सेवा करने वाले ही कर्मचारी ही अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा दे रहे हैं। धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य सुविधा बोला जाये तो भगवान भरोसे हैं। गनपतपुर स्वास्थ्य केन्द्र में शासन ने डॉक्टर भी पदस्थ किये थे लेकिन डॉक्टर गनपतपुर की हालत देखकर अपना स्थानांतरण दूसरे जगह करवा कर चले गये हैं। डॉक्टर के स्थानांतरण के बाद से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गनपतपुर का संचालन दो स्टॉफ नर्स के भरोसे में हो गये हैं। ग्रामीणों ने हमारे टीम को बताये कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर नहीं होने से ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीमार होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ नर्स मरीजों को पत्थलगांव या फिर धरमजयगढ़ भेजते हैं।
जिला पंचायत सदस्य के गृहग्राम में स्वास्थ्य सुविधा बेहाल
भाजपा के जिला पंचायत सदस्य हरिशचंद राठिया का गृह ग्राम गनपतपुर हैं। अधिकारी कर्मचारियों द्वारा स्वास्थ्य सुविधा पर ध्यान नहीं देने के कारण दमतोड़ रहे हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र होने के बाद भी यहां पर सिर्फ दो स्टॉफ नर्स ही पदस्थ हैं इनके आलावा और कोई कर्मचारी यहां पदस्थ नहीं होने के कारण ग्रामीणों मरीजों को छोटे-छोटे बीमारियों की जांच के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। पीएससी गनपतपुर में लैब टेक्निशियन भी नहीं हैं। लैब टेक्निशियन नहीं होने से खून, पेशब की जांच नहीं हो पते हैं। इस पर न तो जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दे रहे हैं और न ही स्वास्थ्य विभाग।
टूटे-फूटे पंचायत भवन में चल रहे मरीजों का ईलाज
गनपतपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन नहीं होने से मरीजों का ईलाज जर्जर हालत में पड़े पंचायत भवन मेेंं दो स्टॉफ नर्स के भरोसे में चल रहे हैं। यहां बताना लाजमी होगा कि पंचायत भवन इतना जर्जर है कि कोई मरीज अगर एक बार छत की ओर देख ले तो वह मरीज दुबारा इस स्वास्थ्य केन्द्र में ईलाज करवाने नहीं आयेंगे चाह वहा घर पर ही बिना ईलाज के मर जाये इतना जर्जर हालात में हैं यह भवन। लेकिन मानना पड़ेगा यहां पदस्थ दो नर्स को जो इस हालात में भी मरीजों के सेवा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्टॉफ नर्स टिन्कु ठाकूर ने हमारे टीम को बताये कि यहां पर कोई डॉक्टर पदस्थ नहीं हैं। डॉक्टर नहीं होने से हम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भवन इतना जर्जर है कि कभी भी कोई भी दुघर्टना हो सकता है लेकिन क्या करें ग्रामीणों की परेशानियों को देखते हुए अपनी जान जोखिम में डाल कर मरीजों का सेवा करते हैं।
सुविधा विहिन होने के बाद भी प्रसव के लिए नहीं होते परेशानी
गनपतपुर पीएससी में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं होने के बाद भी गर्भवती महिलाओं को जांच व प्रसव के लिए कोई परेशानी यहां के नर्सें ने नहीं होने देते हैं बताया जाता है कि पीएससी गनपतपुर में हर माह 10 से भी अधिक प्रसव होते हैं।
शाला प्रबंधन समिति ने दिया प्रधान पाठक कक्ष
पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक मिंज ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हो रहे परेशानी को देखकर शाला प्रबंधन समिमि ने बैठक कर स्वास्थ्य विभाग को प्रधान पाठक कक्ष को दिया है ताकि गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए परेशनी न हो।