स्टील स्क्रैप प्लांट (Steel Scrap Plant) लगाने वाली कंपनियों को कई तरह की राहत मिल सकती है. सीएनबीसी आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, स्टील मंत्रालय स्क्रैप प्लांट लगाने के लिए रियायत देने का प्रस्ताव तैयार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक इस प्रस्ताव को जल्द ही वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा. सूत्रों के मुताबिक स्क्रैप प्लांट को शुरुआती 5 साल तक डायरेक्ट टैक्स में छूट मिल सकती. देश सालाना करीब 60 लाख टन स्टील स्क्रैप का इम्पोर्ट होता है. वहीं सालाना 83 लाख टन स्क्रैप की डिमांड है.
स्क्रैप लांट को GST से राहत देने की मांग
स्टील मंत्रालय नें अपने प्रस्ताव में कहा है कि स्क्रैप प्लांट को GST से राहत मिलनी चाहिए. स्क्रैप इंडिस्ट्री को स्पेशल इंडस्ट्री का दर्जा मिलना चाहिए. SEZ की तर्ज पर स्क्रैप प्लांट को आसान शर्तों पर जमीन मिलना चाहिए. प्लांट लगाने के लिए आसान शर्तों पर लोन मिलना चाहिए. स्टील मंत्रालय नें ये भी मांग की है कि प्लांट के लिए फाइनेंसिंग को प्रॉयरिटी सेक्टर के तहत शामिल किया जाए.
स्टील स्क्रैप प्लांट खोलने की योजना
बता दें कि स्टील इंपोर्ट घटाने के लिए स्क्रैप पॉलिसी अहम है. शुरू में सरकार की 2-3 स्टील स्क्रैप प्लांट खोलने की योजना है. इस योजना के लिए SAIL, NMDC, MSTC जैसी कंपनियों ने भी सुझाव दिए है.
खपत बढ़ाने के लिए 4-5 नए सेगमेंट पर चर्चा हुई जिसमें हाउसिंग सेक्टर है. स्टील के घर बनाए जाएं. पहाड़ी राज्यों में स्टील की खपत को कैसे बढ़ाया जाए और साथ ही साथ अगर खपत बढ़ेगा तो स्क्रैप को सरकार किस तरह से लेगी, उस पर क्रॉपिहेंसिव पॉलिसी चाहिए. लिहाजा यह सहमति बनी कि जो स्क्रैप पॉलिसी है उसपर जल्दी से जल्दी अंतिम रूप दी जाए. इस पर कुछ राज्यों को ऐतराज है. वैसे राज्य जहां ज्यादा स्क्रैप निकलने की संभावना है, उनको इस बात पर ऐतराज है कि जो कंपनसेशन का स्ट्रक्चर है उसको बढ़ाया जाए और उनके राज्य में स्क्रैप आधारित स्टील प्लांट खोले जाएं.