Home छत्तीसगढ़ विधानसभा मॉनसून सत्र: सदन में अपनी ही पार्टी के विधायकों से घिरी...

विधानसभा मॉनसून सत्र: सदन में अपनी ही पार्टी के विधायकों से घिरी भूपेश सरकार

114
0

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को भूपेश सरकार को उनकी ही पार्टी कांग्रेस के विधायक घेरते नजर आए. विधायकों ने सड़क गुणवत्ता, राजस्व नुकसान सहित तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरा. सत्ता पक्ष ने विधायकों के सवाल के जवाब भी दिए. इसके अलावा विपक्ष भी सरकार पर हमलावार रहा. बसपा विधायक ने प्रदेश में शराबबंदी के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की.

विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन विधायक प्रमोद शर्मा ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि किलिंकर बाहर जाने से 2000 करोड़ रुपये का राजस्व का हर साल नुकसान सरकार को हो रहा है. इसके जवाब में मंत्री मोहम्मद अकबर ने सदन में कहा कि 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद राज्य में टैक्स का लाभ राजस्व नहीं मिलता है. किलिंकर के बाहर जाने से राजस्व का कोई नुकसान नहीं हो रहा है. मंत्री अकबर ने सदन में जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में 6 जिलो में कुल 13 सीमेंट उद्योग संचालित हो रहे हैं.

पंचायत मंत्री को घेरा
सत्तापक्ष के विधायक आशीष कुमार छाबड़ा ने सदन में पंचायत मंत्री टीस सिंहदेव को घेरने की कोशिश की. छाबड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री और पीएमजीएसवाई के सड़क निर्माण में गुणवत्ता के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है. मंत्री सिंहदेव ने जवाब में कहा कि कहीं कोई कमी पायी जायेगी, उसको दिखवा लिया जायेगा.

मनरेगा भुगतान पर सवाल, विपक्ष का वॉकआउट
सत्ता पक्ष के विधायक विनोद चन्द्राकर ने कहा कि साल 2017-18 का मनरेगा का भुगतान अब तक नहीं किया गया है. पंचायत मंत्री टीस सिंहदेव ने जवाब में कहा कि कुल अलग अलग सामाग्री का भुगतान लंबित, और जो बाकी मनरेगा की जुलाई की राशि में दे दिया जाएगा. सदन में सोमवार की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बात विपक्षी दल बीजेपी के सदस्यों ने वाकआउट कर लिया. उद्योग मंत्री कवासी लखमा की अनुपस्थित को लेकर सदन में विपक्ष ने हंगामा करते हुए वॉकआउट किया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here