जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
भालूपखना धनवादा पॉवर प्लांट का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, स्थानीय प्रशासन मामला सुलझा लेने की बात कर रहे हैं तो वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन सिर्फ सोशल मीडिया का सहारा लेकर मामला सुलझ जाने की अफवाह फैला रहे हैं। हमारे टीम को ग्रामीणों ने बताया कि एसडीएम साहब के सम्मान में हम अभी आंदलोन नहीं करने की बात कही है, मामला कोई नहीं सुलझा है। अधिकारियों के सामने कंपनी वालों ने तत्काल सभी विवाद को सुझला लेेने की बात कही थी लेकिन अभी तक एक भी काम कंपनी वालों ने नहीं किया है। नहर खुदाई के समय मलवा को हमारे खेत में डाल दिया गया जिससे हमारा खेत पूरी तरह खराब हो गया है हम लोग खेती कर नहीं पा रहे हैं स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को यह नहीं दिखाई दे रहा है।
कंपनी वाले अधिकारियों को भी करते गुमराह?
ग्रामीणों ने आरोप लगा रहे हैं कि कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी प्रशासनिक अधिकारियों के सामाने कुछ बोलते हैं और करते कुछ और है। एसडीएम -तहसीलदार के सामने ग्रामीणों की मूलभूत सुविधा को तत्काल पूरी करने की बात करते हैं और जैसे ही अधिकारी गांव से चले जाते हैं कंपनी वाले अधिकारियों के सामने किए वादे भूल जाते हैं। गांव में हो रहे पानी समस्या को दूर करने के लिए कंपनी वालों ने एसडीएम धरमजयगढ़ के सामने वादे किया था कि तत्काल गांव में बोरवेल की व्यवस्था किया जायेगा लेकिन धनवादा कंपनी की मनमानी फिर देखने को मिला और ग्रामीणों की मांग पर कोई कार्यवाही कंपनी वालों ने अभी तक नहीं किये हंै। जबकि शासन के नियमानुसार कंपनी वालों को गांव में मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाना होता है। स्थानीय प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए न की सिर्फ सोशल मीडिया में विवाद सुलझाने की बात करनी चाहिए।
ग्रामीणों के साथ मिलकर भाजपा नेता करेंगे आंदोलन
वहीं युवा भाजपा नेताओं ने एसडीएम धरमजयगढ़ को ज्ञापन सौंप कर मांग किया था कि धनवादा कंपनी द्वारा ग्रामीणों के साथ किया जा रहा मनमानी पर रोक लगाये एवं ग्रामीणों की उचित मांग को तत्काल पूरा करें। लेकिन भाजपा नेताओं द्वारा सौंपा गया ज्ञापन के बाद भी स्थानीय प्रशाासन ग्रामीणों की उचित मांग को पूरा नहीं करवा पाये जिससे नाराज भाजपा नेताओं ने 12 अपै्रल को आंदोलन करने की बात कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम समय का इंतजार कर रहे हैं कि हमारे द्वारा दिये गये समय सीमा में ग्रामीणों की उचित मांग पूरा होता है कि नहीं, अगर ग्रामीणों की उचित मांग समय सीमा के अंदर पूरा नहीं होता है तो हम कंपनी वालों के खिलाफ 12 अप्रैल से आंदोलन करेंगे। अब देखाना है कि दो दिन के अंदर स्थानीय प्रशासन ग्रामीणों की उचित मांग कितना पूरा करवा पाते हैं या नहीं।