धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
धरमजयगढ़ वन मंडल में निर्माण कार्य करवाने के लिए कुछ खास लोगों को पूरी तरह ठेका दे रखा है। जिसका नतीजा है कि वन विभाग द्वारा कराये जाने वाले निर्माण कार्य पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहा है। ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार की पूरी कहानी वन मंडला अधिकारी पता होता है? क्योंकि एक भी भ्रष्टाचार की जांच इनके द्वारा नहीं करवाया जाता है। अब ग्रामीणों ने इस अधिकारी की शिकायत इनके उच्च अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री से करेंगे। ग्रामीणों ने बताये कि वन विभाग द्वारा हाल ही में हिम्मतपुर के पास नले में एक डेम बनवाया था जो भ्रष्टाचार का जिता जगता उदाहरण है। ये डेम हल्की बारिस में वन विभाग की भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दिये हैं। हम आपको बता दे कि धरमजयगढ़ रेंजर यादव ने बताय कि हिम्मतपुर के पास नाले में डेम 30 लाख की लगात से निर्माण करवाया गया है, एवं डेम विभाग द्वारा बनवाया गया है। मजेदार बात है कि 30 लाख का डेम दो माह में बह जाने की खबर लगने के बाद भी विभागीय अधिकारी डेम की हालत को देखने तक नहीं गये हैं और जायेेंगे भी क्यों ? इनको तो मालूम है कि डेम कितना घटिया निर्माण हुआ है जो पहली ही बारिस में बह जायेगा। वन मंडल धरमजयगढ़ के सभी रेंज का हाल एक जैसे ही है। इनके द्वारा कराये गये निर्माण कार्य की अगर सही तरीके से जांच करवाया जाये तो इस विभाग के कई अधिकारी-कर्मचारी जेल में हवा खाते रहेंगे?
डीएफओ ने कहा था करवायेंगे जांच, लेकिन अभी तक नहीं दिये जांच का आदेश
30 लाख रूपये में बने डेम क्षतिग्रस्त हो जाने के बारे में जब मीडिया वालों ने धरमजयगढ़ डीएफओ मणीवसगन एस से सावाल किये तो उन्होंने मीडिया को बताये थे कि मुझे इसकी सूचना मिला है कि डेम बह गया है मैं तत्काल एसडीओ को जांच के लिए लिख रहा हूं, जांच करने के बाद भी कुछ बता पाऊंगा की डेम किस कारण क्षतिग्रस्त हुआ है। लगभग आज 10 दिन हो गये डीएफओ धरमजयगढ़ ने जांच करवाने की बात कहते हुए लेकिन डीएफओ मणीवसगन एस ने अभी तक इस जांच के आदेश नहीं दिये हैं।
नहीं होगी जांच करेंगे डीएफओ की शिकायत
जब इस संबंध में ग्रामीणों से चर्चा किया गया तो ग्रामीणों ने बताया कि अगर डीएफओं इस घटिया निर्माण की जांच करवाकर दोषी अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्यवाही नहीं करते हैं तो डीएफओ धरमजयगढ़ के खिलाफ जल्द ही लिखित में शिकायत करेंगे।