धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
पूरे देश में कोरोना के दूसरी लहर ने तांडव मचा दिया था। छत्तीसगढ़ में भी कोरोना ने जमकर कोहराम मचाया। रायगढ़ जिले को भी लॉक डाउन किया गया था, कोरोना का रफ्तार कम होने पर जिला कलेक्टर ने शर्तों के साथ दुकान खोलने की अनुमति दी है। दुकान खोलने का समय निर्धारित किया गया है। दुकानदार को सोशल डिस्टेंस, मास्क दुकान के सामन हाथ धोने के लिए पानी साबून अनिवार्य किया है। कलेक्टर द्वारा जिला को ऑनलॉक करते ही दुकानदार के साथ-साथ ग्राहक भी बेलगाम हो गये हैं। दुकानों में भीड़ देखने से ऐसा लगता है कि कोरोना कभी आया ही नहीं है। न दुकानदार मास्क लगा रहे हैं और न ग्राहकों को मस्क लगाने के लिए बोल रहे हैं। जबकि नियमानुसार दुकानदार को बिना मस्क का समाने नहीं देना है। लेकिन दुकानदार अपने फायदे कि लिए कोरोना गाइडलाइन का खुलकर उल्लघंन कर रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन भी कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं करने वालों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हंै। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोरोन गाईड लाईन का सही तरीके से पालन नहीं किया गया तो 6 से 8 हफ्ते के अंदर कोरोना की तीसरी लहर आ जायेंगे। तीसरी लहर दूसरी लहर से भी खतरनाक होंगे। कोरोना का तांडव अगर फिर से नहीं देखना है तो कोरोन गाइड लाईन का पालन करना अनिर्वाय होगा। स्थानीय प्रशासन को भी कोरोना गाईड लाईन का पालन नहीं करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करना होगा।
ऑनलॉक होते ही नगर पंचायत भी बिना मास्क वालों पर नहीं कर रहे कार्यावाही क्यों?
विडंबना है कि स्थानीय प्रशासन भी गजब है जैसे ही कोरोना की लहर दौड़ पड़ता है वैसे ही स्थानीय प्रशासन भी एक्टिव नजर आते हैं। हर चौंक चौराहों में नगर पंचायत एवं अन्य विभाग बिना मास्क वालों पर कार्यवाही करते नजर आते हैं। जैसे ही कोरोना की रफ्तार कम होता है वैसे ही ये चलान काटने वाले भी गायाब हो जाते हैं। स्थानीय प्रशासन को चाहिए की क्षेत्रवासियों को कोरोना गाइडलाइन कड़ाई से पालन करवाये ताकि तीसरी लहर आ न सकें।