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सचिन ने डब्ल्युटीसी पर उठाए सवाल, कहा- इस तरह से होना चाहिए फाइनल

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नई दिल्ली। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के फॉर्मेट को लेकर कहा कि फाइनल एक मैच का नहीं, बल्कि सीरीज की तरह खेला जाना चाहिए। इसके लिए आईसीसी को विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के फॉर्मेट को लेकर जरूर काम करना चाहिए। उन्होंने ने कहा कि जब आप 50 ओवर का विश्व कप या टी20 चैम्पियनशिप खेलते हैं, तो आप किसी भी टीम से एक बार भिड़ते हैं। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस पूल में है। इसमें एक निरंतरता होती है और फिर आप फाइनल खेलते हैं। उस स्थिति में एक फाइनल मैच होना सही है, लेकिन डब्ल्यूटीसी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया से चार और इंग्लैंड से भी इतने ही मैच खेले और फिर आप अचानक फाइनल में पहुंच जाते हैं, जहां सिर्फ एक मैच ही खेला जाना है जोकि गलत है। यह बेस्ट ऑफ थ्री या एक सीरीज के तौर पर होना चाहिए था। ये डब्ल्यूटीसी फाइनल सीरीज होनी चाहिए। ऐसे में बेस्ट ऑफ थ्री मैच सही होते।

  उन्होंने कहा कि यह तय किया जा सकता है कि आप उन मैच को कैसे खेलते हैं- एक घर में, एक विदेश में या जो भी तय होता, मुझे लगता है कि आईसीसी के सामने भी कई चुनौतियां रही होंगी। समय के साथ वो जरूर इसका समाधान निकाल लेंगे। कंडीशंस की इंग्लैंड में बड़ी भूमिका होती है। अगर पिच में घास है और आसमान में बादल छाए हुए हैं, तो फिर आपको शुरुआत में संभलकर खेलना होगा। एक बार आंखें जम जाने के बाद आप तेजी से रन बना सकते हैं, साउथम्पटन की पिच पर बल्लेबाजी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि फाइनल में भी कंडीशंस की भूमिका अहम होगी। पिच और बाउंस सिर्फ टीम इंडिया के लिए नहीं, बल्कि न्यूजीलैंड के लिए भी परेशानी हो सकती है। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में टीम इंडिया के अंडर डॉग होने की चर्चा पर सचिन ने कहा कि नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है, टीम इंडिया ने काफी अच्छी क्रिकेट खेली है। अगर आप पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे की ही बात करें तो करीब आठ-दस खिलाड़ी टीम से बाहर थे। उस समय बेंच पर बैठे खिलाड़ियों को मौका दिया गया। इसमें से कुछ तो सिर्फ नेट बॉलर की तरह टीम के साथ आए थे, लेकिन उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन किया। इससे पता चलता है कि टीम इंडिया के पास कितना टैलेंट है, इसलिए हम अंडरडॉग नहीं है। सचिन ने कहा कि लेकिन ये बात सही है कि हमें मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। न्यूजीलैंड के साथ अच्छी बात है कि उसने फाइनल से पहले इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट खेले हैं। वहीं भारतीय टीम को मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। टीम इंडिया के मौजूदा गेंदबाजी आक्रमण को लेकर मुझे तुलना पसंद नहीं है। मौजूदा गेंदबाजी आक्रमण में काफी विविधता है। मोहम्मद शमी तेजी से गेंदबाजी करते हैं, बुमराह का एक्शन एकदम अलग है, इशांत ऊंचे कद के गेंदबाज हैं, उमेश और सिराज भी हैं, सभी एक दूसरे से अलग हैं। एक पैकेज के रूप में ये सभी कमाल के गेंदबाज हैं।

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