चंडीगढ़ । हरियाणा के नूंह जिले के बदकली गांव में कथित रूप से पुलिस कस्टडी में बेरहमी से पिटाई के कारण 22 वर्षीय जुनैद नामक युवक की मौत हो गयी इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया और उनके वाहनों को आग के हवाले कर दिया। वहीं इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जुनैद को फरीदाबाद पुलिस ने 31 मई को सुनहेड़ा बॉर्डर से उठाया था। जिसको 1 जून को गांव के जेई के सुपुर्द कर दिया था और शनिवार को जुनैद की मौत हो गई। इसका आरोप पुलिस पर लगाया जा रहा है।
परिजनों का फरीदाबाद पुलिस पर आरोप है कि युवक जो पेशे से पेंटर उसे पुलिस ने बगैर किसी मामले के अवैध तरीके से हिरासत में लिया था।
पुलिस ने उसे कस्टडी में बुरी तरह पीटा। जुनैद को छुड़ाने के लिए परिवार को घूस भी देनी पड़ी। घर पर जुनैद की मौत हो गई। गांववालों ने शव को होडल हाईवे पर रख प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। जब पुलिस ट्रैफिक खाली कराने के लिए वहां पहुंची तो उनकी प्रदर्शनकारियों से झड़प हो गई।
देखते ही देखते विवाद बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिसकर्मियों को पीटा गया और उनकी गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिसकर्मियों को वहां से भागकर जान बचानी पड़ी। बढ़ते तनाव को देखते हुए शहर में आंशिक कर्फ्यू लगा दिया गया है। सभी बाजारों को बंद करवाया गया है। प्रदर्शनकारी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
जमालगढ़ के सरपंच ने कहा कि जुनैद को फरीदाबाद पुलिस ने 31 मई को सुनहेड़ा बॉर्डर से उठाया था, वह निर्दोष था, फरीदाबाद पुलिस ने जुनैद पर थर्ड डिग्री का प्रयोग किया और 1 जून को छोड़ दिया, जिसके बाद जुनैद की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। उसे कई अस्पतालों में इलाज के लिए दिखाया गया, शनिवार को उसकी मौत हो गई।