नई दिल्ली । चक्रवाती तूफान तौकते केरल, गोवा, महाराष्ट्र में तबाही मचाते हुए अब गुजरात की ओर बढ़ चला है। मौसम विभाग के अनुसार मुंबई पहुंचते-पहुंचते उसने सबसे उग्र रूप धारण कर लिया है। इस दौरान इसकी गति 185 किमी प्रति घंटा की हो गई। चक्रवाती तूफान की वजह से भारी बारिश हो रही है और वैक्सीनेशन अभियान रोकना पड़ा है। कोरोना मरीजों को सुरक्षित स्थानो पर शिफ्ट किया जा रहा है। मुंबई एयरपोर्ट को तीन घंटों के लिए बंद किया गया है। मुंबई वर्ली सी लिंक को भी बंद किया गया है और हाई टाइड की आशंका जताई गई है। चक्रवाती तूफान की वजह से अब तक छह लोगों की मौत की खबर है। चक्रवाती तूफान की वजह से कई घर और पेड़ पौधे गिर गए हैं।
एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमों ने मिलकर पश्चिमी तट के निचले इलाकों में असुरक्षित स्थानों पर रह रहे हजारों लोगों को निकालने का काम शुरू किया गया है। अरब सागर में बने चक्रवाती तूफान तौकते की आमद के साथ भारी बारिश शुरू हो गई है और तेज हवाएं चल रही हैं। जिससे पश्चिमी और दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में अनेक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि अनेक पेड़-पौधे उखड़ गए।
मौसम विभाग ने कहा कि तौकते भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। इसके सोमवार शाम तक गुजरात के तट तक पहुंचने की संभावना है। इसके बाद पोरबंदर और भावनगर जिले के महुआ से होता हुआ गुजरेगा। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 24 घंटों के दौरान इसके और तेज होने की आशंका है। गुजरात से गुजरने के दौरान इसकी गति 175 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। चक्रवात के मद्देनजर नवसारी में मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। गुजरात सरकार ने कहा है कि तटवर्ती गांवों और निचले इलाकों से करीब डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। चक्रवात की वजह से हुए हादसों में पश्चिमी राज्यों गोवा और कर्नाटक में कम से कम छह लोग मारे गए हैं। मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि चक्रवात के कारण कुछ स्थानों पर बाढ़ आ सकती है। रेलवे सेवाएं भी 21 मई तक बाधित रहने की आशंका जताई गई थी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने विभिन्न राज्यों के साथ बैठक के बाद बताया कि विभिन्न राज्यों में लगभग 80 आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया गया है। जहाजों और विमानों के साथ सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के जवानों को बचाव और राहत के लिए तैनात किया गया है। उधर, नई दिल्ली में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की रविवार को हुई बैठक में राहत और बचाव में लगी एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि चक्रवात तौकते के कारण प्रभावित राज्यों में कोविड अस्पतालों का कामकाज निर्बाध रूप से चलता रहे और कोई जनहानि न हो। केंद्र व राज्यों की एजेंसियों की तैयारी की समीक्षा करते हुए गौबा ने कहा कि चक्रवात प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिये सभी उपाय किए जाने चाहिए जिससे किसी तरह की जनहानि या नुकसान न हो।