नई दिल्ली । कोरोना काल में अपनी विशेष ऑक्सीजन एक्सप्रेस को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही भारतीय रेल ने अब तक 269 ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए दस हजार टन से ज्यादा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। सोमवार को गुजरात में तूफानी हवाओं के बीच रेलवे ने लगभग 150 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन वाली दो ट्रेनों को का भी सफल संचालन किया है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस की गति बढ़ाई गई है और इनकी औसत गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे है। रेल बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सुनीत शर्मा ने कहा है कि ऑक्सीजन प्राणवायु है और रेलवे की प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। इसलिए उनके दिमाग में इसके परिवहन पर आने वाली लागत है ही नहीं। यह सेवा का काम है, जिसमें पूरे देश के साथ रेलवे भी शामिल है। शर्मा ने बताया कि गुजरात में सोमवार को तूफान के बावजूद रेलवे ने वहां से तेज हवाओं के बीच अपनी दो ऑक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन किया है। 18 अप्रैल से रेलवे ने अपनी विशेष ऑक्सीजन एक्सप्रेस की शुरुआत की थी और अब तक 10302 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है। रेलवे ने 13 राज्यों को यह ऑक्सीजन आपूर्ति की है। इसके लिए उसे 269 ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलानी पड़ी है, जिनके जरिए 634 टैंकरों को विभिन्न राज्यों में पहुंचाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश को 197, दिल्ली को 191, महाराष्ट्र को 34, हरियाणा को 83 और मध्य प्रदेश को 38 टैंकर शामिल है। कोरोना संक्रमण को रोकने और यात्रियों की संख्या में आई कमी को देखते हुए रेलवे इस समय 1005 विशेष मेल एक्सप्रेस ट्रेन यात्री ट्रेनों का संचालन कर रही है। उपनगरीय सेवाओं में भी कमी आई है और इनकी संख्या इस समय 3893 है। इसके अलावा सवारी गाड़ियों की संख्या भी कम होकर 517 रह गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक 4.32 लाख कर्मचारियों का टीकाकरण हो चुका है।