नई दिल्ली । दिल्ली सरकार के गुरु नानक अस्पताल में 100 से भी ज्यादा बिस्तर खाली पड़े हैं। यहां उन मरीजों को भर्ती किया जा रहा है जिनका ऑक्सीजन 90 के आसपास है। हालांकि इसके लिए मरीज को पहले लोकनायक अस्पताल जाना होगा और यहां से रैफर होने के बाद ही गुरु नानक नेत्र अस्पताल में भर्ती किया जा सकेगा। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार उनके यहां 200 से ज्यादा बिस्तर कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रखे गए हैं जिनमें से अभी 140 के आसपास खाली हैं। हालांकि यह सभी बिस्तर संक्रमण का हल्का असर वाले मरीजों के लिए हैं। मरीजों को पहले लोकनायक अस्पताल से रैफरल बनवा होगा जिसके बाद ही उन्हें यहां भर्ती किया जा सकेगा। वहीं लोकनायक अस्पताल के अनुसार उनके यहां 1500 बिस्तरों की क्षमता है जिसमें 200 वेंटिलेटर भी शामिल हैं। हाल ही में 50 से अधिक वेंटिलेटर दिल्ली सरकार ने यहां उपलब्ध कराए थे लेकिन अभी की स्थिति यह है कि यहां एक भी बिस्तर खाली नहीं है। अगर मरीज की स्थिति गंभीर होती है तो उन्हें आपातकालीन विभाग में कुछ देर रोकने के बाद दूसरे अस्पताल में जाने की सलाह दी जा रही है। अगर मरीज की स्थिति नियंत्रण में है तो उसे गुरु नानक नेत्र अस्पताल रैफर कर सकते हैं लेकिन यह तभी मुमकिन है जब उनका ऑक्सीजन का स्तर 90 फीसदी से कम न हो। ठीक इसी तरह की स्थिति अक्षरधाम और यमुना क्रीडा स्थल पर देखने को मिल रही है। यहां भी 90 फीसदी तक ऑक्सीजन वाले रोगियों को ही भर्ती किया जा रहा है। यह हाल तब है जब दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि 94 फीसदी तक ऑक्सीजन वाले रोगियों को घबराने की जरूरत नहीं है। अगर उनका ऑक्सीजन 90 फीसदी तक भी आता है तो भी वह अपने घर में आइसोलेट रहते हुए योग और अन्य थैरेपी के जरिए ऑक्सीजन को नियंत्रण में रख सकते हैं।