नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाईकोर्टों में जजों की नियुक्ति के लिए समय सीमा जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार कॉलेजियम की सिफारिशों पर अनिश्चितकाल के लिए नहीं बैठी रह सकती, देश के हाईकोर्ट संकट की हालात में हैं, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा नामों को मंज़ूरी देने के तुरंत बाद केंद्र सरकार को नियुक्तियां करने के लिए तुरंत आगे बढ़ना चाहिए। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ के अनुसार यदि सरकार को कॉलेजियम की सिफारिशों पर कोई आपत्ति है, तो उसे विशिष्ट कारणों के साथ नामों को वापस भेजना चाहिए।
कोर्ट ने आदेश दिया कि एक बार सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने नामों को दोहरा दिया तो केंद्र को 3-4 सप्ताह के भीतर नियुक्ति करनी चाहिए। आईबी को हाईकोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश की तारीख से 4 से 6 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपनी चाहिए। केंद्र सरकार राज्य सरकार से विचार प्राप्ति की तारीख और आईबी से रिपोर्ट/ इनपुट से 8 से 12 सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट में सिफारिशों को भेजे। अगर सरकार को कोई आपत्ति है, तो इसी समय की अवधि के भीतर आपत्ति के कारणों को दर्ज कर इसे सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के पास वापस भेजा जाए।
कोर्ट ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इनपुटों पर विचार करने के बाद भी, अभी भी सिफारिश को दोहराया है, तो ऐसी नियुक्ति 3 से 4 हफ्तों के भीतर की जानी चाहिए, उपरोक्त समय-सीमा का पालन करना सही होगा।