नई दिल्ली । कोरोना के बिगड़ते हालात को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस के नेताओं ने आरोपों की झड़ी लगाते हुए ना सिर्फ भाजपा को इसका जिम्मेदार ठहराया, बल्कि विपक्षी दलों की सलाहों को भी दरकिनार करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने देश में कोरोना के बिगड़े हालात के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा भारतीय जनता पार्टी तो शुरुआत से ही मनमानी पर तुली हुई थी। जब पिछले साल फरवरी में राहुल गांधी ने कोरोनावायरस को लेकर केंद्र सरकार को आगाह किया, तो सरकार ने उस पर कोई कड़ा कदम उठाने की बजाय मजाक उड़ाया। इतना ही नहीं भाजपा सरकार ने तो गुजरात में नमस्ते ट्रंप का भव्य आयोजन तक करवा दिया। नतीजा देश में कोरोना की भयावहता के तौर पर सामने आया। केंद्र सरकार को जॉब अलर्ट होकर लोगों की मदद करनी चाहिए थी तो मोदी सरकार देश में जनमत से बनी हुई सरकारों को गिराने का काम कर रही थी। सुरजेवाला ने भाजपा को गिरते हुए कहा जब देश में कोरोना के लेकर हालात बिगड़ रहे थे तो केंद्र सरकार चुनी हुई राज्य की सरकारों को गिराने में व्यस्त थी ना कि अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अपनी नाकामी छुपाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर नोट बंदी की तरह 24 मार्च को तानाशाही जैसा रवैया अख्तियार करते हुए लॉकडाउन लगा दिया। बगैर किसी रणनीति के लगाए गए लॉकडाउन में देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से चौपट कर दिया। लोग बेरोजगार होने लगे। उद्योग-धंधे बंद होने लगे। आजाद भारत के बाद की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी मोदी सरकार की नाकामियों की वजह से ही हुई।
कांग्रेस ने कहा कि जब उनकी पार्टी ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की बेबसी का जिक्र केंद्र से किया तो सरकार ने उनकी एक भी ना मानी। पैदल जा रहे हजारों किलोमीटर दूर के मजदूरों के लिए जब कांग्रेस पार्टी ने प्रवासी मजदूरों का रेल भाड़ा जमा कराया और बसों का इंतजाम कराया तो भाजपा सरकार ने कांग्रेस का जमकर मजाक उड़ाया। शुरुआत में तो रेलगाड़ियां ही नहीं मुहैया कराई गईं। दबाव बना दो गाड़ियां और बसें मिली। कांग्रेस ने कहा कि जब प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस पार्टी ने बसों का इंतजाम किया तो उत्तर प्रदेश सरकार ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं। मजदूरों को ले जा रही बसों को बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। ना जाने कितने मजदूर उस बस से उतर कर फिर पैदल अपने गंतव्य की ओर गए।
कांग्रेस ने कहा जब कांग्रेस ने अस्पताल में दवाई और वेंटिलेटर की मांग उठाई तो पीएम केयर्स फंड से हजारों करोड़ की धनराशि इकट्ठा हुई। लेकिन उस धनराशि का इस्तेमाल कहां हुआ इसका अब तक कोई अता-पता नहीं है। कांग्रेस का आरोप है पीएम केयर्स फंड से हजारों फर्जी वेंटीलेटर की खरीद दिखाई गई और पैसे का बड़ा हेरफेर हुआ। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि अगर सब कुछ पारदर्शी है, तो पीएम केयर्स फंड को आरटीआई से छूट क्यों दी गई है। इससे स्पष्ट है कि पीएम केयर्स फंड में लूट हुई है। कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना टैक्स के नाम पर जनता से जमकर लूटपाट की। अब जब मरीजों को दवाओं की जरूरत है, ऑक्सीजन की जरूरत है, बेड की जरूरत है तो न उनको ऑक्सीजन मिल पा रही है, न दवाएं उपलब्ध हैं और न ही बेड। कांग्रेस ने कहा कि विपक्षी पार्टियां जब भाजपा को सलाह देती है तो सत्ता पक्ष उन्हें मानने की बजाय मजाक उड़ाता है। कोरोना की दूसरी लहर को लेकर जब राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से अलर्ट होने को कहा तो केंद्र सरकार ने उसे मानने की जगह बताया कि उन्होंने कोरोना पर एक तरह से जंग जीत ली है। इसी साल राहुल गांधी ने छह अप्रैल को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से गुजारिश की कि पूरी दुनिया में लगने वाली वैक्सीन के दरवाजे भारत के लिए खोले जाएं। तो भाजपा के ही केंद्रीय मंत्रियों ने राहुल गांधी को निशाने पर लेकर कंपनियों का हमदर्द बता डाला। हालांकि अगले दिन ही केंद्र सरकार को इस बात का अहसास हुआ कि ऐसा किया जाना देश की जनता के लिए बेहद जरूरी है और आदेश जारी कर दिए गए। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की सलाह को भी भाजपा सरकार ने नहीं माना।