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मांटो कार्लो कंपनी को किसी भी किमत में कोयला खोदने नहीं देंगे क्षेत्र की किसान … ग्रामीण क्षेत्र में विरोध के लिए बैठक का दौर शुरू … दुर्गापुर सेकेंड कोल माइंस का ठेका अब मांटो कार्लो कंपनी को …

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धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ तहसील में दुर्गापुर सेकेंड कोल माइंस के लिए एसीसीएल को 44 सौ एकड़ भूमि सरकार द्वारा दी गई है। 2014 में धारा 9 व 13 पूर्ण होने के वावजूद जमीन की दर में विसंगति होने के कारण एसीसीएल द्वारा फारेस्ट भूमि का एनओसी 2020 तक किलियर नहीं कर पाया। कोल इंडिया द्वारा उक्त खदान को एमओडी कर निविदा आमंत्रित कर दिया मार्च 2021 में गुजरात की प्राइवेट कम्पनी मांटो कार्लो कंपनी को इस खुली खदान को चालू करने का निविदा प्राप्त हुआ है। एसीसीएल को धरमजयगढ़ दुर्गापुर सेकेंड ओपन कोयला खदान के लिए 44 सौ एकड़ जमीन आबंटित हुआ है। जिसमें लगभग 2800 एकड़ निजी भूमि बाकी भूमि राजस्व, व वन भूमि हैं। प्रभावित गांव में धरमजयगढ़ कालोनी, शाहपुर कालोनी, तराईमार कालोनी और दुर्गापुर पीपरमार गांव प्रभावित हो रहा है। नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 1, 2, 3 एवं ग्राम पंचायत शाहपुर, दुर्गापुर शामिल है। जिसमे दो हजार एकड़ भूमि बंगाली समुदाय का है। एसीसीएल द्वारा आज पर्यन्त तक वन भूमि का अनापत्ति प्राप्त न होने के कारण व मुआवजा की राशि कम व विसंगति होने के कारण कई बार ग्राम सभा में हो हल्ला व विरोध के कारण ग्राम सभा निरस्त हो गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रति एकड़ 6,8,10 लाख मुआवजा राशि अधिकतम घोषित किया गया है। तथा राजस्व ग्राम के रजिस्ट्री गाइडलाइंस के तहत मुआवजा देने की घोषणा की ह
तराईमार की भूमि का दर प्रति एकड़ 22 लाख है तो धरमजयगढ़ कालोनी का प्रति एकड़ दर 8 लाख रूपये है। चूंकि दोनों का हल्का नम्बर एक ही है। वहीं तराईमार की कुल 20 एकड़ जमीन व धरमजयगढ़ कालोनी की 2 सौ एकड़ जमीन भूमि अधिग्रहण करना है। बार-बार इस विसंगति को दूर करने के लिए आवेदन निवेदन किया गया और नतीजा ढाक का तीन पात साबित हुआ है। इस कारण ग्राम सभा मे प्रस्ताव पास नहीं हो पाया और दुर्गापुर कोल ब्लॉक के नाम से कार्यरत कर्मचारी विगत सात वर्षों से बैठकर मुफ्त में वेतन रहे हैं। कोयले की मांग को देखते हुए परियोजना को चालू करने के लिए कोल मंत्रालय ने एमओडी सिस्टम किया है। एमओडी सिस्टम पूरे भारत में पहला है। जिसके तहत जनवरी 2021 में टेंडर लगा था। देश की तीन नामी कम्पनी द्वारा टेंडर डाला था, गुजरात की मांटो कार्लो को मार्च में फेस-वन का टेंडर प्राप्त हुआ है। अभी एमओडी के नियम शर्तेानुसार ग्राम सभा से लेकर पब्लिक हेरिंग, पर्यावरण सहमति, मुआवजा, आदर्श पुनर्वासनीति का पालन कंपनी द्वारा किया जाएगा। किसान प्रतिनिधि रविंद्र राय ने प्रेस से चर्चा करते हुए बताया कि धरमजयगढ़ कालोनी के बंग बन्धुओं का 2 हजार एकड़ उक्त परियोजना में जा रहे हंै। और मुआवजा राशि में भी विसंगत है। वर्तमान में बंग किसानों द्वारा 5 एकड़ में लगभग 4 से 5 लाख का तरबूज बेंच देते हैं। साथ ही प्रति एकड़ 25-30 क्विंटल धान व मक्का का उत्पादन करते है। इतनी सस्ती दर में भूमि को दे देना उचित नहीं होगा क्योंकि इसी धरमजयगढ़ में वर्तमान में 7 से 10 लाख रुपये डिसमिल जमीन बिक रहा है। और हमारा जमीन 8 लाख एकड़ में कतई मंजूर नहीं है। जिस प्रकार 2009-10 में वेदांता व डीबी पावर का विरोध किया गया था। औऱ कंपनी खोलने ही नहीं दिया गया। उसी प्रकार मांटो कार्लो कम्पनी का भी उससे भी अधिक विरोध किया जायेगा जिसके लिए प्रभावित गांव के किसान युवा वर्ग बैठक कर रणनीति बनाने जूट गये हैं।

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