जोहार छत्तीसगढ़-पत्थलगांव।
पालीडीह हाईवे पर श्याम प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के अंतर्गत केंद्र सरकार की योजना ढाबा सह केंटिंग भारी भरकम राशि 28 लाख की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों की समूहों को रोजगार के अवसर से जोडऩे की परिकल्पना की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की दूरी को कम करना है। ग्रामीण क्षेत्रों के युवा वर्ग के लोग रोजगार,बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य की चाह में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। अविकसित व्यवसायिक अवसंरचना के चलते अधिकांश ग्रामीण आबादी कृषि पर निर्भर हैं। जिस कारण क्षेत्रों में प्रचछन एवं मौसमी बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है। आज अगर अपनी फ सल नष्ट होने से कोई कृषक आत्महत्या कर लेता है तो इसका मूल कारण यही है कि उसके पास आय का कोई वैकल्पिक साधन उपलब्ध नहीं है। इतने महत्तवपूर्ण योजना को अभी तक पूरी गुणवत्ता से पूर्ण ना हो पाना कही ना कहीं उत्साहित ग्राम वासियों के उत्साह को मलाल कर रही है। वहीं योजना मात्र निर्माण ही ना बन जाए ये सवाल लोगों के जहन में गले की फ ाश की तरह अटकी है। वहीं भवन के पलसत्तर सीचिंग की कमी से इतनी घटिया निर्माण किया गया है कि बनने से पहले टूटने लगे हैं।