धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। वन अधिकार पत्र के वितरण ने पट्टाधारियों के लिए विकास के नये द्वार खोल दिये हैं। उन्हें जमीन का हक तो मिला ही है, शासकीय योजनाओं से भी वे अब सीधे जुड़कर लाभ ले पा रहे है। इन भूमि पर खेती करने वाले हितग्राहियों का पंजीयन धान खरीदी के लिए किया गया है। वन अधिकार पत्र मिलने से पूर्व ये किसान अपनी फसल को कम दामों में बेचा करते थे। लेकिन अब वन अधिकार पत्र मिलने के बाद उनका पंजीयन समितियों में किया गया है। जिससे किसान अब अपनी उपज के लिये 2500 रुपये प्रति क्ंिवटल प्राप्त कर पायेंगे। जिले में कुल 31 समितियों में 518 वन पट्टाधारियों द्वारा धान विक्रय करने हेतु पंजीयन कराया गया है जिनके द्वारा इस वर्ष समितियों में धान विक्रय किया जायेगा।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम-कंचीरा के गुनु राम ने 92 बोरी धान की बिक्री की है। जिससे उन्हें लगभग 80 हजार रुपये मिलेेंगे। किसान गुनु राम इस बात से अत्यंत उत्साहित है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुये कहा कि उनकी पहल से इस बार मैने समिति में अपनी उपज बेची है। जिससे मुझे फसल का सही दाम मिला है। वन अधिकार पत्र से कृषि सहित अन्य विभागीय योजनाओं का भी लाभ ले पा रहे है। इसी प्रकार ग्राम कंचिरा के डहरू राम ने 70 बोरी, आशाराम ने 74 बोरी एवं ग्राम-बकालो के बसंत राम ने 24 बोरी धान बेचा। ये सभी किसान भी समितियों में पंजीयन उपरांत धान बेचकर काफी प्रसन्न है।