धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर आलीशान बंगला बनाने का खेल खुलेआम चल रहा है और स्थानीय प्रशासन मौन धारण किए बैंठे हैं। धरमजयगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र के लगभग सभी वार्डों में बेजा कब्जा का खेल खेला जा रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा बेजा कब्जा वार्ड क्रमांक 8-9 में देखने को मिल रहा है। क्योंकि ये दोनों वार्ड में नीजि भूमि नाम मात्र के ही हैं बाकि पूरी की पूरी शासकीय भूमि है और इस शासकीय भूमि में सबसे अधिक सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों का कब्जा है जिसके कारण राजस्व विभाग इन पर मेहरबान बनकर बैंठे हैं। जिसका नतीजा है कि आज वार्ड क्रमांक 8 में कई-कई मंजिल का आलीशान भवन का निर्माण हो रहा है। लेकिन इन निर्माण कार्य पर न तो राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी की नजर पड़ रहे हैं और न तो नगर पंचायत के अधिकारियों का।
गरीबों पर कार्यवाही अमीरों पर मेहरबान
बेजा कब्जाधारियों पर कार्यवाही नहीं होता है या अधिकारी-कर्मचारी कार्यवाही नहीं करते हैं ऐसा नहीं है। कई बेजा कब्जाधारियों का बेजा कब्जा हटाया गया मकान को बुलडोजर से तोड़ा गया है। लेकिन प्रशासन द्वारा जिनके ऊपर बेजा कब्जा की कार्यवाही किया गया है उसमें से 90 प्रतिशत लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं है उनका बेजा कब्जा हटा गया है लेकिन स्थानीय प्रशासन ने एक भी ऐसे मकन या आलीशान बेजा कब्जाधारियों पर बेदखली की कार्यवाही नहीं किया है। और अगर किया है तो सिर्फ अपने फाईलों में धरातल में नहीं जिसका नतीजा है कि आज वार्ड क्रमांक 8 पतरापारा में बेजा कब्जाधारियों ने दो-दो, तीन-तीन मंजिल वाली आलीशान भवन निर्माण जारी है लेकिन राजस्व विभाग के न तो पटवारी, राजस्व निरीक्षक इसकी प्रकरण बनाया है। ऐसा नहीं कि इन बेजा कब्जा की खबर धरमजयगढ़ के अधिकारी कर्मचारियों को नहीं है। इन बेजा कब्जा धारियों को प्रशासन द्वारा सभी शासकीय सुविधा दे दिया जाता है।