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कोल इंडिया के पांचों श्रमिक संगठनों ने काला फीता लगाकर विरोध जताया साथी क्षेत्रीय मुख्यालय महाप्रबंधक को सौंपा ज्ञापन…

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कविराज, जोहार छत्तीसगढ़।

कोरिया :- आज चिरमिरी secl मुख्यालय में पांचो यूनियन ने सौपा ज्ञापन जिसमे क्षेत्र के स्थानी नेता रहे शामिल एटक से यूनियन लिंगराज नाहक (क्षेत्रीय महामंत्री) हरिहर दास (क्षेत्रीय अध्यक्ष) citu से यूनियन रामकुमार (क्षेत्रीय महामंत्री) लालचंद (क्षेत्रीय अध्यक्ष) एचएमएस राजेश द्विवेदी (क्षेत्रीय महामंत्री) कामराज कुटिया (क्षेत्रीय अध्यक्ष) इंटक यूनियन से शंकरराव (क्षेत्रीय महामंत्री) नसीम अख्तर (क्षेत्रीय मंत्री ) बीएमएस राजेश महाराज (क्षेत्रीय महामंत्री) कमलेश सिंह (क्षेत्रीय अध्यक्ष) सभी यूनियन के कार्मिक साथी रहे शामिल।
सभी यूनियन की मांग।

कोल इण्डिया लिमिटेड एवं अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश को रोक दिया वाणिज्यिक कोयला खनन हेतु निजी एजेंसियों को कोल ब्लॉकों की नीलामी चंदन सीएमपीडीआई के साथ एमईएल (Mining Exploration Corporation Limited) के विलय और कोल इंडिया लिमिटेड से सीएमपीडीआईएल को अलग करने के रोक दिया जाये।

बैठक में कोयला उद्योग का निजीकरण, कामर्शियल माइनिंग, निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने, श्रम कानूनों में संशोधन, ठेका मजदूरों को एचपीसी वेज भुगतान, 1-1- 2017 से ग्रेज्युटी 20 लाख रुपए का भुगतान, राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता 8 & 9 में वर्णित 9.3.0, 9.4.0, 9.5.0 के प्रावधानों को राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता 10 में भी लागू करने तथा आश्रितों को रोजगार शैक्षणिक योग्यता के अनुसार देने, Covid-19 अवधि के दौरान सभी असंगठित श्रमिक बल को प्रतिमाह कम से कम ₹7500 उनके बैंक खाते में जमा करने, मनरेगा के तहत दोनों ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 200 दिन के रोजगार सुनिश्चित करने तथा निर्धारित मजदूरी दर प्रतिदिन ₹500 करने इत्यादि मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। तत्पश्चात भारत सरकार के उद्योग विरोधी एवं मजदूर विरोधी फैसलों के खिलाफ तथा 10 व 11 जून को पूरे एसईसीएल में विरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। 10 जून 2020 को जुलूस, धरना, गेट मीटिंग एवं माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार को संबोधित ज्ञापन SECL बिलासपुर में महाप्रबंधक (कार्मिक/प्रशासन) को एवं SECL के विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्रीय महाप्रबंधक के समक्ष सौंपा जाएगा तथा 11 जून 2020 को काला दिवस मनाया जाएगा, जिसके तहत कोयला मजदूरों के द्वारा बिल्ला लगाकर ड्यूटी जाना, खदान द्वार (मुहाडे) पर खड़े होकर खदानों की निजी एजेंसियों को नीलामी के खिलाफ नारा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस संबंध में मांग पत्र भी तैयार किया गया।

सभी नेताओं ने कहा है कि भारत सरकार कोविड-19 की आड़ में मजदूर विरोधी, उद्योग विरोधी, पूंजीपतियों के हित में फैसले कर रहा है। यह सरकार देश के पब्लिक सेक्टर को तबाह करना चाहता है। यदि भारत सरकार कोयला खदानों की नीलामी रद्द नहीं करती है तो यह संपूर्ण कार्यक्रम आने वाले समय में बड़े संघर्ष हेतु एक जन जागरण हैं। इसके बाद बड़े स्तर पर आंदोलन की तैयारी की जाएगी। हम श्रमिक संगठन भारत सरकार की मजदूर विरोधी मंसूबे का जमकर विरोध करेंगे।

सभी नेताओं ने कोयला मजदूरों से भी आहवान किया है कि 10 व 11 जून को दो दिवसीय देशव्यापी विरोध दिवस को सफल बनाएं एवं कोल इंडिया को बचाने के लिए आगे की लड़ाई के लिए तैयार रहें।

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