धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। नगर में आज सुबह एक ऐसा मामला सामने आया जिसकी पूरे नगरवासी तो आलोचना कर ही रहे है साथ ही स्थनीय प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर तरह तरह की बातें हो रही और विरोध का स्वर ऊँचा होना शुरू हो गया है। हम आपको बताते हैं की किस तरह एक अधिकारी शासन की फरमान को लताडते हुए क्षेत्र के गरीब किसानों को इस विकट परिस्थिति में दोहरा मार देकर दर दर भटकने को मजबूर कर रहा है। साथ ही अपने चहेतों को लाभ पहुचाने किस नीति को अपनाता है आइये जानते है इस पूरे मामले को धरमजयगढ़ के आस पास क्षेत्र के गरीब किसान अपने अपने खेतों से चुनचुनकर सब्जी लेकर नगर के दशहरा मैदान में निर्धारित समय तक दुकान लगाते थे ताकि उनका परिवार भी पल सके और उनकी फसल भी नुकसानी से बच जाए किंतु स्थानीय प्रशासन उन्हें ये कहकर वहां से खदेड़ दिए कि यहाँ सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया जा रहा है साथ ही ये भी कहा कि नगर में कही दुकान खोलकर बैठना मना है तुम अपनी सब्जियां घुमघुमकर बेचो इसके बाद सभी गरीब सब्जी विक्रेताओं को तत्काल वहाँ से भगा दिया गया। अब स्थानीय प्रशासन के इस सौतेलेपन रवैये से गरीब किसान सम्बधित अधिकारी को दिल से आह दे रहे हैं। वही इस खबर से नगर के जनप्रतिनिधि अन्याय होने की बात तो कर रहे हैं। इस पूरे मामले को लेकर जब हमारे द्वारा धरमजयगढ़ एसडीएम को फ़ोन लगाया तो फोन तक रिसीव नहीं किया। जिसके चलते प्रशासन का पक्ष हम नहीं रख पाए।
सब्जी दुकानों में खुलकर सोशल डिस्टेंस का उल्लंघन
धरमजयगढ़ के सब्जी मार्केट का आलम यह है कि अपनी दुकानदारी चलाने इंसान किस हद तक पहुँच सकता है इसका जीता जागता उदाहरण नगर में देखा जा रहा है ऊंचे दामों औऱ मनमानी कीमतों को लेकर शासन ने लॉक डाउन के शुरुआती दौर में ही यह स्पष्ट कर दिया था कि कोई भी व्यपारी शासन द्वारा निश्चित किये दामों में ही दूकानदारी नियत समय में करेंगे किंतु ग्रामीणों के आ जाने से इन व्यपारियों कि दाल नहीं गल रही थी ऐसे में सोशल डिस्टेंस की आड़ लेकर उन गरीब किसानों के परिवारों के पेट पर लात मारना कहा तक न्यायसंगत है। इस बात को आसानी से समझा जा सकता है। अब अहम सवाल उठता है कि जब किसान सब्जी दुकान लगा रहे थे तो सोशल डिस्टेंस का खयाल की बात कर इसको दुकान लगाने नहीं दिया गया। क्या इतना बड़ा इलाका के लिए 2 सब्जी दुकानदार सोशल डिस्टेंस का पालन कर पाएंगे?
अब सोशल डिस्टेंस को बनाये रखने के लिए पुलिस विभाग को कड़ी मेहनत करना पड़ेगा। क्योकि दुकान कम होने से सब्जी लेने वालों की भीड़ अधिक होगा जिससे सोशल डिस्टेंस का ख्याल दुकानदार नहीं रख पाएंगे।