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कोड़केल पंचायत के राशन दुकान में राशन की हो रही बंदरबांट … सचिव ने सौंपा आम लोगों को राशन दुकान की चाबी … राशन दुकान में नहीं है राशन वितरण पंजी

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अशोक भगत, जोहार छत्तीसगढ़-लैलूंगा। राशन दुकान सुचारू रूप से संचालन हो इसके लिए राशन दुकान को महिला स्व सहायता समूह, वन समिति एवं ग्राम पंचायत को संचालन करने दिया जाता है। लेकिन राशन दुकान को सुचारू रूप से संचालन के जगह इन लोगों ने राशन दुकान में राशन की बंदरबांट करने का अड़ा बना लिया है। ग्राम पंचायतों में अक्सर देखा जाता है कि राशन दुकान को सरपंच-सचिव किसी समूह को न देकर स्वयं राशन दुकान चलाते हैं। आज हम बात करने जा रहे हंै एक ऐसे पंचायत की जो राशन दुकान नाम के लिए पंचायत चलाते हैं लेकिन हकीकत में राशन दुकान में सिर्फ राशन की बंदरबांट करवाते हैं ग्राम पंचायत सचिव लोकनाथ नायक, ग्राम पंचायत कोड़केल के राशन दुकान में राशन वितरण के समय न तो सरपंच-सचिव और न ही कोई पंच उपलब्ध रहते हैं यहां का राशन तो सचिव के खास दो-चार लोगों को बांटने के लिए सचिव लोकनाथ चाबी दे देते हैं।
बिना हस्ताक्षर के वितरण करते हैं राशन
कोड़केल पंचायत के राशन दुकान में शासन का कोई भी निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है इस राशन दुकान में ग्राम पंचायत सचिव लोकनाथ नायक का नियम चलता है। जिसके चलते ग्रामीणों को राशन के लिए हर माह दो-चार करना पड़ता है। हमारी टीम जब कोड़केल पंचायत के राशन दुकान में राशन वितरण का जायजा लेने पहुंची तो देखने को मिला कि राशन दुकान का संचालन सरपंच-सचिव के नाम पर संचालित तो हो रहा है लेकिन राशन वितरण करते वक्त दुकान में न तो सरपंच होते हैं और न तो सचिव यहां का राशन दो ग्रामीण बांट रहे थे राशन दुकान में राशन बांटने के लिए राशन वितरण पंजी होते हैं जिसमें एक-एक हितग्राहियों के कितना-कितना राशन दिया जा रहा है उसका विवरण होता है एवं हितग्राहियों के हस्ताक्षर होते हैं लेकिन कोड़केल राशन दुकान में ऐसा कोई वितरण पंजी उपलब्ध नहीं था और न ही किसी हितग्राहियों का हस्ताक्षर लिया जा रहा था दुकान का संचालन करने वाले अश्वानी कुमार चौधरी ने बताये कि वितरण पंजी में बाद में हितग्राहियों को कितना राशन दिया गया अंकित कर घर-घर जाकर हस्ताक्षर करवा लेते हैं। जबकि राशन दुकान में राशन लेने आये ग्रामीणों ने बताये कि किसी भी माह हस्ताक्षर नहीं लिया जाता है और न ही हस्ताक्षर करवाने के लिए घर जाते हैं ये लोग झूठ बोल रहे हैं। राशन दुकान में ग्रामीणों को सही मात्र में राशन नहीं दिया जाता है 35 किलो चावल के जगह 30 किलो दिया जाता है सही समय में नमक, चना भी नहीं दिया जाता है।
सचिव प्रतिनिधि को सौंपा राशन दुकान का चाबी
राशन वितरण करने वाले ग्रामीणों ने हमारे टीम को बताये कि हम लोगों को सचिव रखा है राशन वितरण करने के लिए, जब इनसे पूछा गया कि आप लोगों को सचिव राशन वितरण करने का कितना देते हैं तो इन्होंने कुछ भी नहीं बता पाये चुप हो गये। ग्राम पंचायत में राशन वितरण वक्त सरपंच-सचिव के माध्यम से ही राशन का वितरण होना चाहिए लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं, पूरा राशन वितरण करने का जिम्मा ग्राम पंचायत सचिव लोकनाथ नायक के प्रतिनिधि अश्वानी कुमार चौधरी एवं एक अन्य के जिम्मा में है ये चाहे कुछ भी करें कोई दिक्कत नहीं सरपंच-सचिव को।
आये दिन राशन चोरी की मिलती है जानकारी
राशन दुकान से राशन की चोरी की घटना आम हो गया है अक्सर ऐसे पंचायतों में ही अधिक चोरी होते हैं जहां ग्राम पंचायत राशन दुकान का संचालन करते हैं। मजेदार बात है कि ग्राम पंचायत के नाम पर संचालित होने वाली राशन दुकान की चाबी सरपंच-सचिव के पास न होकर किसी अन्य आम आदमी के पास चाबी होगा तो चोरी तो हो ही सकता है? या फिर कहा जाये कि राशन की बंदरबांट कर दो और चोरी का एक सूचना पुलिस थाना में दे दो, राशन बांटने वालों का क्या जायेगा इनके नाम पर तो राशन दुकान है ही नहीं।
कभी कभार जाते हैं सचिव ग्राम पंचायत
ग्रामीणों ने हमारे टीम को देखते ही सबके सब आ गये और सचिव की मनमानी की कहानी बताने लगे ग्रामीणों ने बातये कि सचिव कभी कभार ही पंचायत आते हैं और दो-चार मिनट में ही चले जाते हैं सचिव के नहीं आने से ग्रामीणों को भारी परेशानी होता है। ग्रामीणों की बात उस वक्त सही साबित हुआ जब हमने देखा कि ग्रामीणों से टैक्स भी सरपंच ने एक ग्रामीण से वसूली करवा रहे थे जबकि टैक्स वसूलते समय नियमानुसार ग्राम पंचायत सचिव को उपलब्ध रहना चाहिए लेकिन इन सब बातों से सचिव को कोई लेना देना नहीं रहता। ये साहब तो पंचायत का पूरा काम लैलूंगा मुख्यालय में बैंठकर ही निपटा लेते हैं। ग्राम पंचायत सचिव लोकनाथ नायक से राशन दुकान के बारे में जानकारी मांगने पर सचिन ने बताये कि राशन वितरण के लिए मैंने प्रतिनिधि रखे हैं उनके माध्यम से ही राशन वितरण किया जाता है। सचिव से पूछने पर कि राशन वितरण करने वालों को क्या दिया जाता है तो सचिव ने बातये कि राशन वितरण से जो कमीशन मिलता है उनको दे दिया जाता है। राशन दुकान की चाबी आम लोगों को दे दिया गया अगर राशन दुकान से राशन की चोरी हो जाये तो इसका जिम्मा किनका होगा इतना सूनते ही सचिव लोकनाथ नायक ने फोट कांट दिया दुबारा फोन करने पर फोन रिसिव नहीं किया।

जब राशन दुकान में चल रहे अव्यवस्था के बारे में बात करने के लिए खाद्य अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो खाद्य अधिकारी का मोबाईल नेटवार्क से बाहर मिला जिसके कारण इनका पक्ष हम नहीं रख पाये।

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