जोहार छत्तीसगढ़ -कुड़ेकेला। छाल वन परिक्षेत्र लंबे समय से हाथियों के निवास का गढ़ बन गया था। जहा हाथियों के निवास अनुकूल वातावरण पर्याप्त भोजन पानी की उपब्धता के कारण भी ये हाथियों के रहवास होने का एक कारण बनता है। जहा आए दिन धरमजयगढ़ वनमण्डल के छाल वन परिक्षेत्र में हाथियों का आमद बना रहता है।हालही के कुछ दिनों इन हाथियों से छाल वन परिक्षेत्र के निवासरत आबादी को निजात मिली थी। जब गणेश हाथी व हाथियों का एक दल छाल वन परिक्षेत्र से रायगढ़ वन मंडल के बनगुर्सिया जंगल में रहकर अपना निवास बना रखा था। छाल क्षेत्र के लोगों के बीच इस बात को लेकर हाथियों के दाहसत लोगों के बीच कम हो गया था।अचानक दो दिन पूर्व गणेश हाथी व समूह हाथी के आमद से छाल क्षेत्र के लोगों में हाथी का दहशत का माहौल फिर से बना हुआ है।बीती रात गणेश हाथी व हाथियों के झुंड ने आते ही आबादी वाले क्षेत्र की ओर कूच करने लगे, और कुडेकेला के तुमकुडा में रात्री 08 बजे से पहुंच कर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। जिसकी जानकारी निवासरत ग्रामीणों को तब हुई जब घर के करीब लगे खेत में हाथियों के झुंड ने रात के अंधेरे में आ कर किसान जगदीश के लगे खड़े फसल को रौंदने लगे। जिसकी जानकारी जगदीश सिदार को होते ही मोहल्ले के लोगों को हाथी के आने की खबर रात के करीब 08 बजे देते हुए सभी को इकट्ठा किया।लोगों ने इकट्ठा होकर आए हाथी के दल को गाव से खदेड़ने का अथक प्रयास किया। किंतु हाथी के दल के आगे इनका 04 घंटे का प्रयास विफल रहा। हाथी का दल किसानों के लगे फसल को पूरी रात रौंदता रहा। सुबह में किसान अपने खेतों को देखने गए, जहा किसान खेतों के हाल देख दंग रह गए। खेत में लहलहाती धान जिसमें बाली फुट कर फसल पक कर तैयार हो गया था। हाथियों के आए झुंड ने रात को पूरी तरह नस्ट कर दिया। खेत में लगे फसल की हालत देख किसान उल्टे पांव घर को आकर फसल क्षति की जानकारी वन विभाग को दी। जानकारी मिलते ही विभाग के टीम नुकसान हुए फसल का जायजा लेने तुमकुडा पहुंची ज़हा मिली जानकारी अनुसार प्रेम तिर्की के लगभग एक एकड़ पर खेत में लगे धान के फसल को नुकसान पहुंचाया साथ ही साथ आगल बगल के खेत में लगे फसल को भी जोकि जगदीश सीदर के 2 एकड़ व आलेख के एक एकड़ फसल को रौंद कर नुकसान पहुंचाया है। सुखदेव राठिया प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी छाल |