जोहार छत्तीसगढ़, रायगढ़ । रायगढ़, जिला मुख्यालय में शहीद हेमू कलानी चौक से शहीद भगत सिंह चौक तक जाने वाली सड़क के किनारे स्थित फुटपाथ पर दर्जन भर सफेद शर्ट बेचते तलरेजा बंधुओं को देखकर आप सहज अंदाजा भी नही लगा पाएंगे कि ये वो ही सफल व्यपारी है। जिन्होंने अपने सीधे सरल होने को ऐसी कीमत चुकाई है जिसे जानकर आपकी आंखें भर आएगी। शहर की सबसे व्यस्ततम सड़क के किनारे बनी फुटपाथ पर सफेद शर्ट बेचते दो भाइयों ने अपनी आप बीती बताते हुए कहा कि वर्ष 2014 तक उनकी श्याम टाकीज चौक में निजी पट्टे की दुकान थी। जिसमें उनकी अच्छी दुकानदारी चलती थी। घर परिवार के सभी सदश्य सुखी थे। इसी बीच नगर निगम प्रशासन ने सड़क चौड़ी करण के नाम पर उनकी चलती हुई दुकान को यह कहकर तोड़ दिया कि आपको नवनिर्मित नगर निगम कॉम्लेक्स की 23 नम्बर की दुकान आबंटित किया गया था। हमने दुकान के दास्तावेज मांगे तो उन्होंने मौखिक कब्जा दे कर कहा अभी आप वहां दुकान चलाओ बाद में सब देख लेंगे। हम उनके भरोसे में आ गए करीब दो साल वहां दुकान चलाई,बाद में कोई दीपक अग्रवाल नामक व्यक्ति आ खड़ा हुआ। उसने कहा कि ये दुकान मैने रजिस्ट्री करवा ली है। तुम लोग यहां से निकल जाओ। इस तरह दो तीन दिनों उसने पुलिस और निगम प्रशासन के बल पर हमारी दुकान खाली करवा दी और समान बाहर फेकवां दिया। तब से आज तक हम कानूनी लड़ाई के सांथ जिंदगी की लड़ाई फुटपाथ पर लड़ रहे है। पूरा परिवार इस घटना के बाद से सदमे में आ गया जब तक हम सम्भल पाते घर की स्थिति खराब हो गई। आज निगम प्रशासन और दीपक अग्रवाल की वजह से हमारा पूरा परिवार संघर्ष करने को मजबूर है। हम फुटपाथ पर दुकान लगाकर परिवार पाल रहे है जवान बेटे-बेटियां दूसरी जगह छोटी-मोटी नौकरियों कर रहे है। समय रहते निगम प्रशासन कुछ नही करता है तो मजबूरी में हमें सड़क पर उतरना पड़ेगा। इसके अलावा हमारे पास अब कोई रास्ता नही बचा है।।