बिजली कंपनी ने छत्तीसगढ़ में मीटर बदलकर उनकी जगह डिजिटल मीटर लगाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। नवंबर तक टेंडर फाइनल होगा और सूत्रों के मुताबिक जनवरी से सबसे पहले राजधानी में घरों के मौजूदा बिजली मीटरों को बदलकर डिजिटल मीटर लगाने की शुरुआत हो जाएगी।
ये मीटर कैसे होंगे, इस बारे में दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला कि जिनके यहां ये मीटर लगेंगे, उन्हें मोबाइल की तरह ही बिजली के लिए भी प्रीपेड रीचार्ज करवाना होगा। मीटर में जितनी राशि रीचार्ज की जाएगी, बिजली उतनी ही चलेगी, फिर बंद हो जाएगी। ये मीटर घरेलू के साथ-साथ सभी तरह के व्यापारिक संस्थानों और उद्योगों में भी अनिवार्य रूप से लगेंगे। फायदा ये होगा कि रीचार्ज करवाने की वजह से बिल पटाने का झंझट खत्म हो जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि पहले ही रकम लग जाने की वजह से अधिकांश लोग बिजली खर्च करने में किफायत भी बरतेंगे। प्रीपेड सिस्टम में राज्य की बिजली कंपनी ही नहीं, प्राइवेट कंपनियां भी इलेक्ट्रिसिटी प्रोवाइडर के रूप में रहेंगी। अलग-अलग कंपनियों के बिजली के रेट अलग होंगे। उपभोक्ता स्वतंत्र होंगे कि वे किसी भी कंपनी का कनेक्शन लेकर बिजली उपयोग कर सकेंगे। सर्विस प्रोवाइडर ज्यादा होने से कंपीटिशन के कारण बिजली की दरें सस्ती भी होगी। हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार उपभोक्ताओं को बिजली के बिल में 50 फीसदी की छूट दे रही है। इसलिए छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी से सस्ती बिजली देना दूसरी कंपनियों के लिए मुश्किल होगा। अफसरों का कहना है कि प्रीपेड मीटर में लोगों को खपत के अनुपात में रीचार्ज कराना पड़ेगा। 50 प्रतिशत छूट की राशि किस तरह लोगों को मिलेगी, इसके सिस्टम पर विचार किया जा रहा है। अफसरों के अनुसार गैस सिलेंडर की सब्सिडी की तरह पैसे पचास फीसदी छूट के पैसे सरकार खाते में ट्रांसफर कर सकती है। हालांकि इसके दूसरे विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं।
- प्रीपेड मीटर को ऑनलाइन या फिर बिजली विभाग जाकर रिचार्ज लेकर उससे रिचार्ज करवाया जा सकेगा।
- ऑनलाइन रिचार्ज के लिए बस एप्प से पेमेंट करना होगा। इसके लिए दफ्तर जाने की जरूरी नहीं होगी।
- रीचार्ज करने के लिए कंप्यूटर एप्लीकेशन पर ऑप्शन रहेंगे। यह सिस्टम मौजूदा बिजली एप पर भी आ सकता है।
- भुगतान का एसएमएस आ जाएगा। नहीं आया तो आर्डर एंड बुकिंग ऑप्शन से बिल निकाल सकते हैं।
- पेमेंट एप से निकलने वाले बिल में 18-20 अंकों का आपरेटर रिफरेंस दिया जाएगा। यही कूपन कोड होगा।
एक ओर उपभोक्ताओं को बिजली सस्ती मिलेगी दूसरी ओर कंपनी को भुगतान भी एडवांस में मिलने से बकाया नहीं रहेगा। अभी कंपनी का साढ़े चार से पांच सौ करोड़ बकाया हर साल रहता है। हर साल टैरिफ बढ़ने के पीछे बकाया राशि का बड़ा योगदान रहता है। प्रीपेड सिस्टम से कंपनी को एडवांस में भुगतान होने लगेगा और बकाया रकम जीरो हो जाएगी। इसका फायदा भी उपभोक्ताओं को मिलेगा। बिजली सस्ती मिलेगी।
प्रीपेड मीटर सिस्टम से बिजली चोरी की पूरी तरह से बंद हो जाएगी। प्रीपेड सिस्टम इतना हाईटेक होगा कि मीटर में किसी भी तरह की छेड़खानी होने पर कंपनी के अफसरों को जानकारी मिल जाएगी। वे दफ्तर में बैठे ही संबंधित उपभोक्ता के घर की बिजली का कनेक्शन काट देंगे। दफ्तर के ऑनलाइन सिस्टम से घरों में बिजली के खपत की पूरी जानकारी उन्हें मिल जाएगी। इसलिए बिजली की चोरी पर पूरी तरह रोक लग सकेगी। छत्तीसगढ़ राज्य पावर वितरण कंपनी के एमजी मनोज खरे ने बताया कि प्रीपेड मीटर में एक छोटा मॉडम लगा रहेगा। इसे सर्वर के साथ-साथ उपभोक्ताओं के मोबाइल से कनेक्ट कर दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को हर समय जानकारी उपलब्ध रहेगी कि उनके पास कितना बैलेंस है और कितने यूनिट बिजली का उपयोग कर सकते हैं। रिचार्ज खत्म होने से पहले ही मैसेज चला जाएगा।