जोहार छत्तीसगढ़-लैलूंगा।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा जो बजट पेश किया गया है। वह बेहद निराशाजनक बजट है बेरोजगारी महंगाई आर्थिक तंगी के इस माहौल में राहत की उम्मीद में बैठी जनता को निराशा हाथ लगी है आज यह बजट आम आदमी के हित में कम है और बड़े उद्योगपतियों के हित में ज्यादा है एक मध्यमवर्गीय परिवार को नजर अंदाज कर यह बजट प्रस्तुत किया गया है। आज आम आदमी की थाली को केंद्र और महंगा कर दिया गया है। जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है इस बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
के द्वारा 100 साल के लिए लाभकारी बताया है जो कि हास्य पद महसूस होता है पंचवर्षीय योजना को बंद कर दिया गया सभी योजनाओं के बजट को भी कम किया गया। वित्त मंत्री के बजट भाषण में एक भी नई योजनाओं घोषणा नहीं की गई भारत कृषि प्रधान देश है फि र भी किसानों के लिए कोई भी ऐसी नई योजना नहीं शुरू की गई जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मनरेगा जैसे जनकल्याणकारी योजना के बजट को घटा दिया गया। जो कोरोना महामारी में गरीब मजदूर को सम्बल देने का काम किया था। एनडीए सरकार पिछले 25 साल की पुरानी बात करती है परंतु यह नहीं देखती आज की नीतियां मजबूत होगी तभी भविष्य बेहतर होगा। भाजपा ने देश की विकास को हर दिन पीछे ले जाने का काम किया है एनडीए सरकार की गलत नीतियों का परिणाम आने वाले समय में देश की जनता को भोगना पड़ेगा इतनी विसंगतियां होने के बाद फि र यह बजट कैसे खुशहाल बजट हो सकता है समझ से परे की बात है यह केवल आमजन के साथ छलावा है