नई दिल्ली । ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सदर और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जाजमऊ स्थित खुशबू ग्राउंड पर आयोजित सभा में कहा कि मुसलमानों की स्थिति बैंड बाजा बजाने वालों जैसी हो गई है। उन्हें पहले संगीत बजाने के लिए कहा जाता है, लेकिन विवाह स्थल पर पहुंचने पर उन्हें बाहर खड़ा कर दिया जाता है। ओवैसी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव मुसलमानों के हक में नहीं बोलते हैं। उन्हें डर है कि ऐसा करने से उनके वोट खिसक जाएंगे। हजारों की भीड़ के बीच ओवैसी ने करीब एक घंटे के अपने भाषण के दौरान यह समझाने का प्रयास किया कि उनके चुनाव लड़ने से कहीं भी भाजपा की सरकार नहीं बनती। कोलकाता, महाराष्ट्र और झारखंड समेत अनेक राज्यों के नाम गिनवाए और कहा कि वहां हम चुनाव लड़े थे लेकिन भाजपा की सरकार नहीं बनी।
पूछा, अगर बीजेपी जीते तो उसके ज़िम्मेदार हम कैसे हो सकते हैं। ओवैसी ने कहा कि न तो केंद्र और न ही उत्तर प्रदेश के चुनाव में मुसलमानों ने भाजपा का वोट दिया। फिर भी केंद्र में मोदी और राज्य में योगी की सरकार है। पूछा, उन्हें एकजुट होकर किसने वोट दिया। कानपुर में भाजपा का सांसद कैसे जीता। जिन्हें मुसलमानों ने 75 फीसदी वोट दिया उनके उत्तर प्रदेश में कुल 15 सांसद बने। यही हाल राज्य के चुनाव का रहा। कहा, हिंदुओं ने एकजुट होकर योगी, मोदी को वोट दिया इसलिए वह जीते। ओवैसी ने जातियों और नेताओं के नाम गिनाते हुए कहा कि हर जाति का नेता है, लेकिन मुसलमानों का कोई नेता नहीं। यूपी में 19 फीसदी मुसलमानों की आबादी है लेकिन नेता एक भी नहीं। संविधान तो नेता बनने का अधिकार देता है। उन्होंने अपने को मुसलमानों का नेता ठहराते हुए कहा कि एक ओवैसी नहीं पूरे प्रदेश में 100 ओवैसी चाहिए। यह जज़्बाती नारों से नहीं बल्कि मुत्तहिद होने से होगा।