नई दिल्ली । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि को गिरफ्तार किया गया है। आनंद गिरि और विवादों का पुराना रिश्ता रहा है। नरेंद्र गिरि के साथ संपत्ति विवाद के अलावा आनंद को ऑस्ट्रेलिया में छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार तक होना पड़ा था। पंद्रह साल की उम्र में ही आनंद गिरि ने सांसारिक सुखों को छोड़कर संन्यासियों का जीवन अपनाया था।
इस दौरान साल 2000 में आनंद गिरि की मुलाकात नरेंद्र गिरि से हरिद्वार में मुलाकात हुई। राजस्थान के भीलवाड़ा से वेदों और संस्कृत की पढ़ाई करने वाले आनंद धीरे-धीरे महंत नरेंद्र गिरि के करीबी बन गए। हालांकि, साल 2020 में दोनों गुरु-शिष्य के बीच मतभेद खुलकर सामने आया और संपत्ति विवाद को लेकर दोनों में खटास पैदा हो गई।
हालांकि, आनंद गिरि के सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के बाद यह विवाद सुलझ गया था। महंत नरेंद्र गिरि उत्तर प्रदेश के बाघंबरी मठ में फंदे पर लटके मिले थे। पुलिस के मुताबिक, उनके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने आनंद गिरि के साथ ही दो अन्य लोगों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। हालांकि, बीते दशक जैसे-जैसे नरेंद्र गिरि का कद बढ़ता गया वैसे ही आनंद गिरि के शाही शौक के चर्चे भी खूब बढ़े। आनंद गिरि को अक्सर महंगी आलीशान गाड़ियों में घूमते देखा जाता था।
इतना ही नहीं आनंद गिरि के विदेश दौरे भी बीते एक दशक में बढ़ गए। वह बिजनस क्लास से ही हवाई यात्रा करते थे। नरेंद्र गिरि इसलिए भी नाखुश थे क्योंकि आनंद ने अपने परिवार से रिश्ता नहीं तोड़ा था। आनंद ने शादी की और बच्चे भी। दोनों के बीच झगड़ा तब बढ़ा जब आनंद ने बाघमती मठ को बेचने के नरेंद्र गिरि के फैसले का विरोध किया। चीजें तब और बिगड़ी जब नरेंद्र गिरि ने आनंद पर वित्तीय हेरफेर का आरोप लगाया। इसके बाद आनंद को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, इसी साल मई में दोनों के बीच सुलह हो गई।