Home देश कंसल्टेंट कंपनियों पर कसेगी नकेल समय पर पूरी होंगी सड़क परियोजनाएं

कंसल्टेंट कंपनियों पर कसेगी नकेल समय पर पूरी होंगी सड़क परियोजनाएं

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नई दिल्ली। गुणवत्तापरक राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने के लिए निर्माण कंपनियों को तकनीकी सहायता मुहैया करने वाली कंसल्टेंसी कंपनियों पर सरकार ने नकेल कस दी है। राजमार्ग परियोजनाओं में देरी होने पर कंसल्टेंसी कंपनियों का सेवा विस्तार नहीं किया जाएगा। सरकार का मानना है कि राजमार्ग निर्माण व कंसल्टेंसी कंपनियां जानबूझ कर परियोजना में देरी करती हैं। जिससे परियोजना की लागत कई गुना बढ़ जाती है, वहीं कंसल्टेंसी कंपनी को बेवजह वर्षों तक सेवा के एवज में करोड़ों रुपये का भुगतान करना पड़ता है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 9 सितंबर को प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) में बदलाव संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के पूर्व की गतिविधियां, निर्माण व रख रखाव के कंसल्टेंट कंपनी (अथॉरिटी इंजीनियर) नियुक्त करती है। कंसल्टेंट निर्माण कंपनी को राष्ट्रीय राजमार्ग की गुणवत्ता बनाए रखने व आधुनिक तकनीक मुहैया कराने में मदद करती है। इसके अलावा निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कंसल्टेंट पांच साल तक राजमार्ग के रख रखाव व मरम्मत में सहयोग करती है। सरकार के समक्ष ऐसे उदाहरण आए हैं जिसमें कंसल्टेंट तकनीकी पेच फंसा कर राजमार्ग परियोजना में जानबूझ कर देरी करते हैं। अधिकारी ने बताया कि एक साल की देरी होने पर परियोजना की लागत 20 से 25 फीसदी तक बढ़ जाती है। वहीं, कंसल्टेंसी कंपनी को पर्यवेक्षण के एवज में सरकार के खजाने से करोड़ों रुपये जा रहे हैं। इसको देखते हुए यह फैसला किया गया है कि परियोजना में देरी होने पर कंसल्टेंट कंपनी को समय का विस्तार नहीं दिया जाएगा। कंसल्टेंट कंपनी व मंत्रालय के बीच होने वाले करार में दिए गए निर्धारित समय पूरा होने पर कंसल्टेंट को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। दावा है कि इस नई व्यवस्था से लेटलतीफी का शिकार होने वाली राजमार्ग परियोजनाओं की संख्या में कमी आएगी। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय गुणवत्तापरक राष्ट्रीय राजमार्गो के निर्माण के लिए 52 कंसल्टेंट कंपनियों की नियुक्ति पहले कर चुका है। विभिन्न क्षेत्र के दक्ष तकनीकी विशेषज्ञ राजमार्ग परियोजनाओं की प्री फिजिबिलटी अध्ययन, डीपीआर से लेकर सड़क निर्माण से पूर्व की गतिविधियों को अंजाम दे रही हैं। मंत्रालय ने एक हजार करोड़ लागत की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं, पुल व टनल परियोजनाओं पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) को लागू किया है।

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