जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
मां अम्बे के दरबार अंबेटिकरा में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शारदीय नवरात्र में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित होंगे। इस वर्ष अंग्रेजी तिथि अनुसार 7 अक्टूबर से नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। जिसमें जगत जननी मां अम्बे की पूजा अर्चना कर लोग उनसे सुख समृद्धि की कामना करते हैं। पूजा अर्चना के साथ ही लोग अखंड मनोकामना ज्योति प्रज्वलित कर कामना करते हैं। अखंड मनोकामना दीप प्रज्जवलित का मतलब है की नवरात्रि के पूरे नौ दिन रात बिना बुझे दीपक जलते रहे, और मां अंबे की आशीर्वाद, पूरे परिवार पर बनी रहे और मनोकामनाएं पूरी हो। ऐसी मान्यता है कि मां के दरबार में अखंड दीप प्रज्जवलित कराने से हजारों गुना अधिक फ ल प्राप्त होती है। आगामी शारदीय नवरात्र को लेकर शासकीय मंदिर समिति धरमजयगढ़ की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष भी शारदीय नवरात्र में भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए ज्योति कलश स्थापना की जाएगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि गांव-गांव के लोग भी घर परिवार की खुशहाली एवं सुख समृद्धि हेतु मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित कराना चाहते हैं लेकिन उन्हें रसीद लेने के लिए मंदिर तक आना पड़ता है। इस बात को ध्यान में रख कर गांव-गांव में रसीद भेजे जाएंगे। सभी भक्त जनों से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर अपने नाम की ज्योति कलश जलाएं सहयोग राशि शुल्क 601 रुपये कन्याओं के लिए पूर्ववत 100 रुपये की छुट रखी गई है। अर्थात कन्याओं के लिए सहयोग शुल्क 501 रुपये रखी गई है। मां अंबे के दरबार में विभिन्न प्रांत छत्तीसगढ़ के कई जिलों और शहरों के हजारों भक्त मनोकामना की पूर्ति हेतु मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित कराते है। और माता रानी उनकी मनोकामना पूरी करतीं हैं। अंबेटिकरा रायगढ़ जिला के धरमजयगढ़ उदयपुर से पश्चिमोत्तर दिशा में सात किलोमीटर की दूरी पर मांड नदी के तट पर स्थित है। यहां पहाडिय़ों पर प्राचीन काल से निर्मित मां भगवती भवानी अंबे देवी की मंदिर स्थित है। यहां अभी भी प्रत्येक दिन सैकड़ों भक्त गण दूर दराज से यहां आकर माता का दर्शन करते हैं।