Home मध्य प्रदेश भोपाल चैंबर्स का चुनाव बना राजनी‎ति का अखाडा

भोपाल चैंबर्स का चुनाव बना राजनी‎ति का अखाडा

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भोपाल । राजधानी में भोपाल चैंबर्स ऑफ कामर्स का चुनाव प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनी‎तिक दलों के ‎लिए अखाडा बन गया, जहां जमकर दांवपेच चले। इसी बीच तीखी नोकझोंक के बाद ‎विवाद कुर्सियां फेंकने तक पहुंच गया। शहर के कोहेफिजा स्थित चैंबर्स कार्यालय में बुधवार को हुई बैठक में व्यवसायियों के बीच जमकर हंगामा और नारेबाजी हुई। व्यवसायी भाजपा व कांग्रेस में बंट गए। एक पक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की तारीफ की तो दूसरे पक्ष के व्यवसायी खड़े होकर ‘शिवराज सिंह चौहान जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे। व्यवसायियों में तीखी नोकझोंक हुई। कुर्सियां फेंके जाने की नौबत तक आ गई। शोर-गुल होता रहा। कांग्रेस नेता गोविंद गोयल व व्यवसायी सुनील पंजाबी के बीच बहस हुई। बड़ी मुश्किल से कुछ व्यवसायियों ने मामले को शांत कराया। विवाद के चलते चुनाव अधिकारी मुकेश सेन ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने चुनाव कराने का दायित्व निभाने में असमर्थता जताई। उन्होंने कहा कि ऐसी विवाद की स्थिति में चुनाव नहीं करा सकता। इसलिए चुनाव अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया। सचिव के पद पर कार्य करता रहूंगा। यदि व्यवसायी नहीं चाहते हैं तो सचिव के पद से भी इस्तीफा दे दूंगा। चुनाव अधिकारी के इस्तीफे के बाद चुनावों को आगे बढ़ाने की व्यवसायी मांग करने लगे। चैंबर्स के वर्तमान अध्यक्ष ललित जैन ने बताया कि अब कार्यकारिणी की बैठक के बाद चुनाव की अगली तारीख पर फैसला लिया जाएगा।अब चुनाव टलने से उम्मीदवारों में नाराजगी है। उम्मीदवारों के साथ-साथ 1962 सदस्यों के चहेरे पर मायूसी दिखी। दरअसल, भोपाल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के चुनाव हर तीन साल में होते हैं। कोरोना के कारण बीते साल भी चुनाव नहीं हुए थे। इससे व्यवसायी निराश हैं। दरअसल भोपाल चैंबर्स ऑफ कामर्स के कार्यालय में कुछ व्यवसायी चुनाव अधिकारी से मिलने पहुंचे थे। गणेशोत्सव सहित अन्य त्योहारों के चलते चुनाव 12 सितंबर को नहीं कराने की मांग करने लगे। साथ ही जिला प्रशासन से लिखित में अनुमति नहीं मिलने और 12 सितंबर को तारीख तय करने पर आपत्ति जताई। बैठक में गोविंद गोयल ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की तारीफ की। इससे दूसरे पक्ष के व्यवसायी सुनील मूलचंदानी सहित अन्य भड़क गए और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। व्यवसायी कांग्रेस-भाजपा में बंट गए। आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे। बता दें कि पहले भोपाल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के चुनाव 29 अगस्त को होने थे। 26 अगस्त को एसडीएम मनोज उपाध्याय ने कोरोना का हवाला देते हुए चुनाव स्थगित कर दिए थे। फिर चुनाव अधिकारी मुकेश सेन ने चुनाव की तारीख 12 सितंबर तय की थी। चुनाव लालघाटी स्थिति एक मैरिज गार्डन में होने थे। अध्यक्ष सहित तीन उपाध्यक्ष, एक महामंत्री, दो मंत्री, एक कोषाध्यक्ष, एक सह-कोषाध्यक्ष और 15 कार्यकारिणी सदस्य कुल 24 पदों पर चुनाव होने हैं। चुनाव के मैदान में प्रगतिशील, सद्भावना, परिवर्तन, व्यापारी का साथ, सबका विकास पैनल के उम्मीदवारों समेत कुल 55 लोग चुनावी मैदान में हैं।

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