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प्रशासन से वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने मिनी सचिवालय घेरा, कहा मांगे पूरी होने के बाद ही उठेंगे

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करनाल । आंदोलनकारी किसानों ने करनाल के मिनी सचिवालय को चारो ओर से घेर लिया है। किसानों ने मंगलवार शाम अपनी मांगों पर बातचीत विफल होने के बाद सचिवालय का घेराव करके वहीं डेरा डाल दिया है। प्रशासन के साथ बातचीत विफल होने के बाद जब किसान मिनी सचिवालय की घेराबंदी के लिए बढ़ने लगे तो पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्‍तेमाल करके उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वे क‍िसानों को नहीं रोक पाए और किसानों ने लघु सचिवालय के चारो ओर घेरा डाल दिया।
किसानों का कहना है कि जब तक राज्‍य सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, वे वहां से नहीं उठेंगे। करनाल के बसताड़ा टॉल प्‍लाजा पर 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों की मंगलवार को महापंचायत हुई थी। किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और ऐसा न होने पर मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी थी। प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा करने और उन्हें मिनी सचिवालय की ओर मार्च करने से रोकने के लिए 11 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन इस बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई।
उसके बाद किसान नेताओं ने महापंचायत में मौजूद लोगों से मिनी सचिवालय की ओर मार्च करने का आग्रह किया। हजारों किसान मिनी सचिवालय की ओर चल पड़े। रास्ते में उन्हें रोकने को कई बैरिकेड लगाए गए थे। किसान इन्हें लांघकर मिनी सचिवालय की ओर बढ़ गए। बेकाबू होती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को वॉटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा। हालांकि किसान मिनी सचिवालय के बाहर डटे रहे। प्रशासन से तीन दौर की बातचीत फेल हो जाने के बाद किसान नेताओं ने ऐलान किया कि मंगलवार रात मोर्चा मिनी सचिवालय पर ही लगेगा।
उन्होंने कहा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हम मिनी सचिवालय पर ही धरना देंगे। कुछ दिन पहले मुजफ्फरनगर में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया था। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कई महीनों से केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नगर में धारा-144 लागू की गई। मिनी सचिवालय से पहले पैरामिलिट्री फोर्स समेत सुरक्षाबलों की 40 कंपनियां तैनात की गई हैं। लघु सचिवालय समेत 18 जगहों पर नाके लगाए गए। जीटी रोड और शहर से लघु सचिवालय तक पहुंचने वाले रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया है। हम देख रहे हैं कि कानून-व्यवस्था के लिहाज से कोई अप्रिय स्थिति न पैदा हो।

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