नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महीने यानी सितंबर के आखिरी सप्ताह में अमेरिका दौरे पर जाने की उम्मीद है। सरकार के टॉप सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री सितंबर के आखिरी सप्ताह में वाशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क का दौरा कर सकते हैं। जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह पहला अमेरिका दौरा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है और अगर अब तक की चर्चा के हिसाब से सबकुछ ठीक रहा तो प्रधानमंत्री मोदी 22 से 27 सितंबर के बीच अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच यह पहली फेस टू फेस मुलाकात होगी। इससे पहले ये दोनों नेता कम से कम तीन बार वर्चुअल समिट में मुलाकात कर चुके हैं। मार्च में क्वाड समिट, अप्रैल में क्लाइमेट चेंज समिट और इस साल जून में जी-7 समिट के दौरान ये दोनों नेता वर्चुअली मिल चुके हैं। जून में जी-7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री ब्रिटेन की यात्रा पर जाने वाले थे, मगर कोरोना की दूसरी लहर की वजह से उन्हें अपनी यात्रा कैंसिल करनी पड़ी थी, जिसके परिणामस्वरूप बाइडेन और मोदी की मुलाकात नहीं हो पाई थी। अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे हालात के मद्देनजर पीएम मोदी की यह यात्रा महत्वपूर्ण होगी। पीएम मोदी जो बाइडेन से मुलाकात के अलावा, अमेरिकी प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकें भी कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडा में अफगानिस्तान संकट और चीन का मुद्दा होगा। इस दौरे पर दोनों पक्षों के बीच चीन पर भी बात करने की उम्मीद है। साथ ही दोनों पक्ष हिंद-प्रशांत पर महत्वाकांक्षी एजेंडे पर काम करने की कोशिश करेंगे। क्वाड लीडर्स के शिखर सम्मेलन की भी वाशिंगटन डीसी में योजना बनाई जा रही है। माना जा रहा है कि करीब -करीब उसी समय पीएम मोदी की यात्रा हो रही है। बता दें कि इससे पहले आखिरी बार सितंबर 2019 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौर पर गए थे, जब तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाउडी मोदी कार्यक्रम को संबोधित किया था। उसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा दिया था, जो चुनाव में काम नहीं आया है और ट्रंप की हार हो गई। इस तरह से अगर प्रधानमंत्री तय कार्यक्रम के मुताबिक अमेरिका जाते हैं तो दो साल बाद उनकी यह यात्रा होगी।