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जब वादा निभाने के वक्त आया तो वादे से मुकर रही है प्रदेश की सरकार

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रायपुर ।  भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार की प्राथमिकता में आदिवासी कहीं नहीं हैं। अपनी नाकामियों और आदिवासी विरोधी चेहरे को छुपाने के लिये मुख्यमंत्री बेतुकी बयान देकर  अपनी असक्षमता का ठीकरा नक्सलियों पर फोड़ रहे हैं। अजजा मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कह रहे है कि आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन देने से माओवादी रोक रहे है। मुख्यमंत्री बघेल अपनी सरकार नक्सलियों के चाहने और ना चाहने से चला रहे है क्या? उन्होंने भूपेश बघेल को आगाह करते हुए कहा कि नक्सलियों का बहाना बनाकर प्रदेश सरकार आदिवासियों से किये अपने जन घोषणा पत्र के वादों से मुकर नहीं सकती है। जब विशाल जनमन के साथ जनता से समग्र विकास की जिम्मेदारी दी है तो अपनी जिम्मेदारियों से बचकर मुख्यमंत्री केवल मात्र सत्ता के आनंद में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने 2018 तक पूरे देश में सर्वाधिक लगभग 4.25 लाख व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टा और लगभग 14 हजार सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किये थे। कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में आदिवासी समाज से वादा किया था कि सभी ग्रामों को सामुदायिक वनाधिकार पत्र प्रदान किये जायेंगे और लगभग 4 लाख आदिवासी परिवारों को, जिनका वनाधिकार आवेदन तकनीकी त्रुटिओं से निरस्त हो गया था, उन सबको प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र प्रदान किया जायेगा। परन्तु ढाई साल का आधा कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद भी मात्र 32 हजार लोगों को वनाधिकार पत्र मिल पाया है। बाकी आदिवासी परिवारों को वनाधिकार पट्टा देने की मंशा भूपेश बघेल सरकार की नहीं है और इसलिए नक्सलियों का बहाना बनाकर भूपेश बघेल अपने वादों से मुकरना चाह रही है। भाजपा नेता मरकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास विजन व इच्छाशक्ति का अभाव दिखता है। यही कारण है कि इस तरह की बातें करके केवल अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे है, जिसका जवाब आने वाले समय में आदिवासी समाज जरूर देगी।

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