नई दिल्ली । देश में कोरोना टीकाकरण लगातार जारी है। देश में फिलहाल तीन कोरोना टीके लगाए जा रहे हैं- कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक वी। अगर भारत को दिसंबर तक अपने सभी व्यस्कों को वैक्सीन देने की लक्ष्य पूरा करना है तो भारत बायोटेक को अपने उत्पातन में सुधार करना होगा और कोवैक्सीन की सप्लाई बढ़ानी होगी। वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाने के प्रयास में केंद्र सरकार कोवैक्सिन की सप्लाई में हो रही देरी को देखते हुए वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक से चर्चा करेगी। भारत बायोटेक को सप्लाई करने के अब तक जो टारगेट मिले थे कंपनी उन्हें पूरा करने में भी नाकाम रही है। अब सरकार इस मामले पर कंपनी चर्चा करने वाली है। अभी भी यह साफ नहीं है कि भारत बायोटेक अपने तय टारगेट 40 करोड़ खुराकों को पूरा कर पाएगी या नहीं। सरकार के वैक्सीन उपलब्धता प्रोजेक्ट के आधार पर भारत बायोटेक को अगस्त से दिसंबर के बीच 40 करोड़ टीके सप्लाई करने हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, वे (भारत बायोटेक) अपनी सप्लाई को पूरा करेंगे। स्वास्थ्य सचिव ने व्यक्तिगत रूप से इस मामले की समीक्षा की है। भारत बायोटेक ने इस मामले का जवाब नहीं दिया, लेकिन मई में एक बयान में कहा था, वैक्सीन के उत्पादन के बढ़ने की प्रक्रिया चरण-दर-चरण होती हैं और टीके के प्रोडक्शन और सप्लाई की प्रक्रिया जटिल है। यह पूरी प्रक्रिया काफी वक्त भी लेती है।कंपनी के मुताबिक, कोवैक्सिन को बनाने, टेस्ट करने और उसका बैच रिलीज करने में 120 दिन लगते हैं। 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के हलफनामे के मुताबिक, कंपनी ने 12 जून तक केंद्र को सिर्फ 2.8 करोड़ खुराक की सप्लाई की, केंद्र ने जनवरी से जुलाई तक की सप्लाई के लिए भारत बायोटेक को 8 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया था ।
जुलाई के बीच दिए जाने वाली 5 करोड़ खुराक के लिए सप्लाई शुरू होनी बाकी है। भारत बायोटेक ने जुलाई के अंत तक अपनी आपूर्ति का पूरा हिस्सा नहीं दिया है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि भारत बायोटेक इस साल कम से कम अगस्त तक अपने कोवैक्सिन वैक्सीन की 2.5 करोड़ खुराक का उत्पादन जारी रखेगी, “लेकिन साल के अंत तक 6-7 करोड़ खुराक का उत्पादन करने की उम्मीद है मौजूदा उत्पादन क्षमता प्रति माह 2.5 करोड़ खुराक है और इस साल अगस्त-सितंबर तक इसे बनाए रखने की संभावना है, जिसके बाद और सप्लाई होगी। अगले दो महीनों में अंकलेश्वर, गुजरात और बेंगलुरु, कर्नाटक में अपनी दो सुविधाओं में उत्पादन शुरू करेंगे। इन सुविधाओं को फिर से तैयार किया जा रहा है और अगले दो महीनों में उत्पादन शुरू होने की संभावना है।