साउथम्पटन । भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के हाथों विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में मिली हार के बाद कहा कि कुछ खिलाड़ी रन बनाने का जज्बा नहीं दिखा पाये। ऐसे में टीम में बदलाव के तहत उन खिलाड़ियों को अवसर दिया जाएगा जो सही मानसिकता के साथ उतरें। माना जा रहा है कि विराट ने अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा पर निशाना साधा है। पुजारा दोनो ही पारियों में नाकाम रहे। पहली पारी में उन्होंने 54 गेंद में आठ रन बनाये और अपने पहले रन के लिये 35 गेंद खेली। उसके बाद दूसरी पारी में उन्होंने 80 गेंद में 15 रन बनाये।
कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘‘हम आत्ममंथन करते रहेंगे और इस पर बात होती रहेगी कि टीम को मजबूत बनाने के लिये हमें क्या करना होगा। हम एक ही ढर्रे पर नहीं बने रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम एक साल तक इंतजार नहीं करेंगे। आप हमारी सीमित ओवरों की टीम देखें तो हमारे पास गहराई है और खिलाड़ी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। इसी प्रकार के जुनून की टेस्ट क्रिकेट में भी जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें नये सिरे से समीक्षा करके योजना बनानी होगी और यह समझना होगा कि टीम के लिये क्या बेहतर है और हम कैसे निडर होकर खेल सकते हैं। सही लोगों को लाना होगा जो अच्छे प्रदर्शन की सही मानसिकता के साथ उतर सकें।’’
उन्होंने न्यूजीलैंड जैसे शानदार गेंदबाजी आक्रमण के सामने रन बनाने के बारे में भी बात की और कहा , ‘‘हमें इस पर काम करना होगा कि रन कैसे बनाये जायें। हमें मैच को अपने हाथ से निकलने नहीं देना है। मुझे नहीं लगता कि हमारे खेल में कोई तकनीकी कमी है।’’ कोहली ने कहा, ‘‘ यह जागरूकता की और गेंदबाजों का निडर होकर सामना करने की बात है। वहीं अगर गेंद स्विंग नहीं हो रही है तो गेंदबाजों को लंबे समय तक एक ही जगह गेंदबाजी के अवसर नहीं देने चाहिये। उन्होंने बल्लेबाजों से सुनियोजित जोखिम लेने और क्रीज पर डटे रहने के बीच संतुलन बनाने के लिये कहा. उन्होंने कहा, ‘‘ध्यान रन बनाने पर होना चाहिये, विकेट गंवाने की चिंता पर नहीं। इसी तरह से आप विरोधी टीम पर दबाव बना सकते हैं वरना आप आउट होने के डर से खेल ही नहीं पायेंगे।”