नई दिल्ली । केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं के लिए 15 वें वित्त आयोग अनुदान के सोशल ऑडिट (सामाजिक लेखा परीक्षा) हेतु गाइड लाइन को जारी किया। इस गाइडलाइन का निर्माण ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद ने पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से किया है। मंत्री तोमर ने ऑडिट ऑनलाइन शुरू करने और सामाजिक लेखा परीक्षा के दिशा निर्देशों की तैयारी के लिए इस दिशा में पंचायती राज मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। राज्यों द्वारा की गई अच्छी प्रगति के लिए उन्हें बधाई देते हुए, उन्होंने अपील की कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में शत प्रतिशत पंचायतों के ऑनलाइन ऑडिट का लक्ष्य रखकर उसे पूर्ण किया जाए।
श्री तोमर ने कहा कि आज ग्राम पंचायतों के पास विकास कार्य के पर्याप्त धनराशि पहुंच रही है। मनरेगा, पीएम आवास जैसी योजनाओं के साथ ही केंद्र एवं राज्य वित्त आयोग के अनुदान से होने वाले कार्यों का क्रियान्वयन भी पंचायतों के माध्यम से होता है। पंचायतों के पास पैसे की कमी नहीं है। ऐसे में पंचायतों के कामकाज में पारदर्शिता आने के साथ ही जवाबदेही तय होना भी जरूरी है। पंचायती राज मंत्रालय ने लगातार इस दिशा में प्रयत्न किए हैं कि पंचायतों में सुशासन आएं और वे आदर्श पंचायतों के रूप में स्थापित हों। ई ग्राम स्वराज, ऑडिट लाइन एप्लीकेशन और सोशल ऑडिट जैसे प्रावधानों से ग्राम पंचायतों के कामकाज में पूर्ण पारदर्शिता आना तय है। तोमर ने बताया कि देश के 14 राज्यों ने 20 प्रतिशत ग्राम पंचायतों के लेखा परीक्षा का लक्ष्य पूर्ण किया है। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद और राज्यों की विधानससभाएं तो महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं ही जो की पूरे देश का संचालन करती है, लेकिन इस देश को बुनियादी स्तर पर मजबूत बनाने में प्राथमिक संरकार के रूप में ग्राम पंचायतों की सबसे बड़ी भूमिका है। देश में 2 लाख 60 हजार से अधिक पंचायतों में 31 लाख से अधिक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और इसमें महिला प्रतिनिधियों की संख्या 14 लाख के लगभग है। तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आज हम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सतत गतिशील हैं। देश में एक छोर से दूसरे छोर तक बाधाओं को पार करते हुए रिफार्म के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। आज हमारी प्राथमिक सरकार के रूप में काम करने वाली ग्राम पंचायतों को भी सशक्त और समृद्ध करने कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने से ही गांव आत्मनिर्भर बनेंगे और इससे देश आत्मनिर्भरता के मार्ग पर आरूढ़ होगा।