नई दिल्ली । बिहार में वर्ष 2021 के पहले पांच महीनों में अस्पष्ट कारणों से लगभग 75 हजार लोगों की मौत हो गई है। इस दौरान अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी लहर ने भी तबाही मचाई थी। नये आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। यह राज्य की आधिकारिक महामारी से होने वाली मौतों का लगभग 10 गुना है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या राज्य कोविड की मौतों को कम करके बता रहा है?
ज्ञात रहे कि बिहार में जनवरी-मई 2029 में लगभग 1.3 लाख मौतें हुईं। राज्य के नागरिक पंजीकरण प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में इसी अवधि के लिए यह आंकड़ा लगभग 2.2 लाख था, जो लगभग 82,500 का अंतर दर्शाता है। इसमें से आधे से ज्यादा 62 फीसदी की बढ़ोतरी इस साल मई में दर्ज की गई थी।
बिहार ही नहीं देश के अनेक प्रांतों की यही कहानी है। भारत की स्थिति पर गहराई से नजर रखने वाली मिशिगन यूनिवर्सिटी की महामारी विशेषज्ञ भ्रमर मुखर्जी का कहना है कि यह पूरी तरह से आंकड़ों का संहार है। हमने जितने मॉडल बनाए हैं, उसके आधार पर हमारा विश्वास है कि भारत में बताई जा रही संख्या से दो से पांच गुना तक अधिक मौतें हुई हैं।