नई दिल्ली । देश-विदेश के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट और पद्मश्री डॉ. अशोक पनगडिया का कोरोना से निधन हो गया। पनगडिया पोस्ट कोविड बीमारी से जूझ रहे थे और लंबे समय से वह वेंटिलेटर पर थे। पनगडिया के करीबी सूत्रों की मानें तो कोरोना के कारण उनके फेफड़े खराब हो चुके थे। 48 दिनों तक कोरोना से लड़ने के बाद निधन से पहले उनकी स्थिति ज्यादा उन्हें जयपुर स्थित ईएससीसी अस्पताल से उनके निवास पर वेंटिलेटर सपोर्ट पर ही लाया गया था, लेकिन करीब सवा घंटे बाद डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। डॉ. अशोक पनगडिया के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके शोक जताया है. पीएम मोदी ने ट्विट करते हुए लिखा ‘डॉ. अशोक पनगडिया ने एक उत्कृष्ट न्यूरोलॉजिस्ट के रूप में अपनी पहचान बनाई। चिकित्सा क्षेत्र में उनके अग्रणी कार्य से डॉक्टरों और शोधकर्ताओं की पीढ़ियों को लाभ होगा। उनके निधन से दुखी हूं…उनके परिवार और मित्रों के लिए संवेदनाएं। पीएम के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई राजनेताओं और बड़ी हस्तियों ने भी मशहूर चिकित्सक के निधन पर गहरा शोक जताया है। देश के प्रधानमंत्री के साथ राज्य के मुख्यमंत्री भी लगातार उनके परिजनों और डॉक्टरों से संपर्क में थे। उनके इलाज के लिए देश-विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगी हुई थी। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पनगडिया को साल 1992 में राजस्थान सरकार की ओर से मेरिट अवॉर्ड मिला था। वह एसएमएस (सवाई मान सिंह अस्पताल) में न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष रह चुके थे। वहीं साल 2006 से 2010 तक वह विश्वविध्यालय में बतौर प्रिंसिपल काम कर रहे थे। साल 2002 में उन्हें मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने डॉ. बीसी रॉय अवॉर्ड दिया था। इसके बाद 2014 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया था। उनके 90 से ज्यादा पेपर जर्नल में छप चुके हैं। उनकी मेडिकल और सोशल सहभागिता के चलते उन्हें यूनेस्को अवॉर्ड भी मिल चुका है।