बिलासपुर सिम्स में कबाड़काण्ड पर कुछ हुआ नही तो अब साहसी हॉस्पिटल के बाद कॉलेज से सफाई अभियान चला जेब भरने जुट गए।
हॉल ही में सिम्स हॉस्पिटल से कबाड़ काण्ड सामने आया। जिसमे लाखो रुपये के कबाड़ हुए कम्प्यूटर, सीपीयू,वाटर कूलर, कूलर समेत अन्य मशीनों को कबाड़ बता बिना टेंडर के महज साढ़े 18 हजार में बेचना बताया गया।
हो हल्ला मचा पर हुआ कुछ नही, बताया जाता है कि इसमें सिम्स के ऊपर से लेकर नीचे तक के कुछ अफ़सर और कर्मचारी शामिल है।
जब कुछ नही हुआ तो हौसला और बढ़ गया, यही वजह है कि हॉस्पिटल के बाद अब कालेज बिल्डिंग से कबाड़ निकालकर बेचा जा रहा है।
जानकार बताते है कि कई कम्प्यूटर और वाटर कूलर समेत अन्य सामान ऐसे थे जो थोड़ा बहुत मरम्मत कराने के बाद काम मे आ सकते थे।
सवाल यह उठता है कि क्या जिम्मेदार अफसर ये बात नही जानते।
*और बता रहे कौड़ी के मोल देना*
सिम्स के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक बता रहै कि भइय्या कम्पूयटर उपकरण से चांदी और अन्य महंगे धातु निकलते है, फिर 18500 का कैसे हो सकता है। बेचे गए सामग्री में कई ऐसे है कि 5-6 सौ रुपये में बन जाता इसके बावजूद इतने कम में बेच दिया गया।
*किसी का डर तक नही*
सरकारी संस्थान के जिम्मेदार अफसरो की हिम्मत तो देखिए इन्हें किसी का डर तक नही है। तभी तो बिना टेंडर के कबाड़ का इतना बड़ा खेल अनवरत खेला जा रहा।
*गोठ समारू-पहारू के*
सिम्स के स्टाफ इसको लेकर आपस में चर्चा कर रहे थे, कि यदि जांच हुई तो कई बड़े- छोटे नप जाएंगे, दूसरे ने कहा कुछ नही होगा। आगजनी, अखफोड़वा कांड, नसबंदी कांड, गर्भाशय कांड, भर्ती घोटाला हुआ कुछ हुआ क्या। ये भी ठनठन गोपाल हो जाएगा
*हुआ है टेंडर, कितने में बिका पता नही*
सिम्स हॉस्पिटल और कॉलेज बिल्डिंग के कबाड़ का टेंडर एक साल पहले हुआ था। हॉस्पिटल बिल्डिंग का कबाड़ कितने में बिका जानकारी नही है।
पी सुदरेशन
प्रशासनिक अफसर सिम्स