कोरबा अध्ययन-अध्यापन में शिक्षकीय ज्ञान का शत-प्रतिशत तभी संभव है जब स्कूल और कक्षा में बच्चों की उपस्थिति भी शत-प्रतिशत हो। यह चुनौती पार करने पर ही पूरी पीढ़ी शिक्षित की जा सकती है। इसके लिए शिक्षा को रूचिकर बनाना होगा और स्कूलों में पानी, खेलकूद, सुरक्षा के इंतजाम के साथ अतिरिक्त गतिविधियों का संचालन आवश्यक है। बच्चे के साथ उनके माता-पिता को भी स्कूल की ओर आकर्षित करने की जरूरत है। पालकों के मद स्कूल परिसर तक खींचे जा सकें तो सुविधा व संसाधनों के विकास के लिए जन-सहयोग भी पाया जा सकता है।
यह बातें शिक्षा विभाग से गठित समूह क्रमांक-छह के तत्वावधान में आयोजित वर्चुअल कार्यशाला में शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान कर रहे मास्टर ट्रेनरों ने कहीं। जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय के दिशा-निर्देश में जिले के समस्त शालाओं में क्लस्टरों का गठन किया गया है। इसमे प्रभारी मंत्री की ओर से चयनित सदस्य समिति के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। उन्हें शिक्षा विभाग के शिक्षक अलग-अलग समूह बनाते हुए संकुल नोडल प्राचार्यों की उपस्थिति में मास्टर ट्रेनर वर्चुअल कार्यशाला आयोजित करते हैं।