धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं,बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी,पाप का घड़ा भरने के बाद एक दिन फूटता ही है। ऐसे तमाम मुहावरों को चरितार्थ कर रहा चर्चित आयुर्वेद चिकित्सक के काले कारनामे। आदिवासी वनवासी बाहुल्य क्षेत्र के भोली भाली जनता को कभी पुलिस का खौफ दिखाकर तो कभी रेफर मरीजों को अपने निजी चिकित्सालय में भर्ती कराकर उनका खून चूसने वाला यह चिकित्सक इन दिनों चार सौ बीसी सहित अन्य गंभीर मामलों में फरार चल रहा है।इस चिकित्सक एवं उसके परिजनों के उपर एक आदिवासी महिला के साथ धोखाधड़ी कर छल पूर्वक जमीन को अपने नाम पंजीकरण कराने का मामला सामने आया है।इस मामले में माननीय न्यायालय ने आजाक थाने को मामला दर्ज कर कार्यवाही करने का आदेश दिया था।इस मामले में कई गंभीर धारा इनके उपर लगा है जिसकी जांच जारी है। इसी तरह इस आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा एक समिति बनाकर संचालित पैथोलॉजी लैब,एक्स रे,ब्लड बैंक एवं अस्पताल के खिलाफ भी शिकायत की गई थी जिसमें कलेक्टर द्वारा जांच कराया गया है।शिकायत सही पाया गया है कार्यवाही अपेक्षित है। संविदा चिकित्सकों का हर वर्ष मार्च में सेवा वृद्धि किया जाता है लेकिन इस वर्ष इस चिकित्सक का सेवा वृद्धि नहीं किया गया है। इतने गंभीर आरोप लगने के बाद इस चिकित्सक का सेवा वृद्धि संभव भी नहीं है।उक्त डॉ सदैव विवादित रहा है,आयुर्वेदिक डॉ होते हुवे भी 10 वर्षों तक सिविल अस्पताल में जबरन घुस कर मरीज देखता रहा ताकि इसके दवाई दुकान और लेब को लाभ मिल सके तथा गम्भीर मरीजों को अपने निजी तथाकथित अस्पताल में भर्ती कर उनसे लंबे चौड़े बिल का भुगतान कर सके,पिछड़ी जाति में न आने के बावजूद साठ गांठ कर प्रमाणपत्र बनवा कर सारे भाई अपनी सरकारी सर्विस में लाभ ले रहे है, डॉक्टर की पत्नी अख्तरी हुसैन का 14 अगस्त1970 को जन्म तिथि है परंतु डाक्टर के सगी बहन का स्कूल बनारस में संचालित है जहां से डाक्टर ने अपनी बीबी की जन्मतिथि 10 वर्ष कम करा कर अनुचित लाभ लिया गया,इस प्रकार के बहुत सारे आरोपो से घिरे इस डाक्टर के समस्त कारगुजारियों से अब प्रशासन पर्दा उठाने की तैयारी में है।