भोपाल । तकरीबन सात दिन जारी जूनियर डॉक्टरों की हडताल अभी भी जारी है। कल शाम चार बजे जूडा पदाधिकारियों की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात के बाद भी कोई हल नहीं निकला है। मंत्री ने जूडा से साफ कहा है कि आप कोर्ट के निर्देश का सम्मान करें और हड़ताल खत्म करें। यह समय हड़ताल करने का नहीं है। कोरोना और म्यूकरमाइकोसिस के संक्रमण के बीच जूडा की हठधर्मिता जारी है। जूडा मानदेय में 24 फीसद तक बढ़ोतरी की मांग कर रहा है, जबकि सरकार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर 17 फीसद से ज्यादा मानदेय बढ़ाने को तैयार नहीं है। बता दें कि हाईकोर्ट ने गुरुवार को 24 घंंटे के भीतर हड़ताल खत्म करने के निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिए थे।इसके बाद भी जूडा काम पर नहीं लौटा है। सरकार ने भी जूडा के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया है, जबकि कोर्ट ने यह भी कहा है कि हड़ताल समाप्त कराने की जिम्मेदारी सरकार की है। इस मामले में सोमवार को फिर सुनवाई होनी है। सरकार को कोर्ट को यह बताना होगा कि जूडा के खिलाफ अभी तक क्या कार्रवाई की है। जूडा पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया था। इसके बाद संबंधित कॉलेजों के डीन ने सीट छोड़ने के लिए तय बांड राशि जमा कर विधिवत इस्तीफा देने को कहा है। जूडा पदाधिकारियों को छात्रावास खाली करने का नोटिस जारी किया गया है। ग्वालियर में जूडा पदाधिकारियों को बर्खास्त किया गया है। उधर स्टेट जूडा प्रेसीडेंट डॉ. अरविंद मीणा का कहना है कि मंत्री के पास हम लोग अपनी बात रखने गए थे। उन्होंने अलग से बात नहीं की। हमारी मांगों पर कोई निर्णय नहीं हुआ है, इसलिए हड़ताल जारी रहेगी। हम भी हड़ताल को खींचना नहीं चाहते। दूसरे राज्यों के बराबर मानदेय मिलना चाहिए। इस बारे में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि किसी मीटिंग में व्यस्त होने के बाद भी मैंने जूडा से बातचीत की। उन्हें कहा है कि हाईकोर्ट के निर्देश का सम्मान करते हुए हड़ताल खत्म करें। मरीज की सेवा सर्वोपरि है। उनकी मांगों के लिए हाईकोर्ट ने भी कमेटी बनाई है। वह बातचीत करेगी। मानदेय 17 फीसद से ज्यादा नहीं बढ़ा सकते।