भोपाल । प्रदेश में यात्री परिवहन सेवा अभी भी पटरी पर नहीं लौट पा रही है। वर्तमान में मात्र 20 फीसद ही यात्री बसें सड़कों पर दौ़ड रही हैं। प्रदेश सहित राजधानी भोपाल में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुए छह दिन बीत गए हैं। राजधानी के आइएसबीटी, नादरा, हलालपुर, पुतलीघर से आम दिनों में इंदौर, बैतूल, विदिशा, ब्यावरा, सागर मार्ग पर 740 बसों की आवाजाही होती थी। लॉकडाउन में 10 फीसद ही बसों का संचालन हुआ। अनलॉक के छह दिनों में 10 फीसद ही बसों का संचालन ब़ढ कर 20 फीसद हो गया, लेकिन तेजी से बसों का संचालन नहीं ब़ढ सका। दरअसल निजी बस संचालक शासन से लॉकडाउन की समयावधि का मासिक टैक्स माफी की मांग पर अ़डे हुए हैं। ऐसे में कई बस संचालक बसों का संचालन नहीं कर रहे हैं। वहीं एक और कारण यह भी है कि अनलॉक में भी लोग अधिक संख्या में शहर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। महज 10 से 12 फीसद यात्री मिलने से निजी बस मालिक बसों का संचालन नहीं कर हैं। मप्र प्राइम रूट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि हमने एक साल तक बसों का मासिक टैक्स माफी की मांग की थी। शासन लॉकडाउन के समय का भी टैक्स माफ नहीं कर रहा है। कोरोना की पहली लहर में पांच महीने का टैक्स माफ करके शासन ने बस मालिकों को ब़डी राहत दी थी। दूसरी लहर में यात्री परिवहन सेवा ठप हो चुकी है। अनलॉक में भी यात्री नहीं मिल रहे। डीजल के दाम ब़ढ गए हैं। घाटे में बसों का संचालन नहीं कर सकते हैं, इसलिए 100 फीसद बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व में 180 बसें नादरा बस स्टैंड से, 200 आइएसबीटी से, 160 हलालपुर बस स्टैंड से, 120 पुतलीघर बस स्टैंड और 75 सूत्र सेवा की बसें चलती थी लेकिन अब 35 बसों का संचालन नादरा बस स्टैंड से, 60 बसें आइएसबीटी से, 40 बसें हलालपुर से, 20 बसें पुतलीघर से, 35 बसें सूत्र सेवा की, 06 बसें बीसीएलए की वॉल्वो इंदौर मार्ग पर चल रही है। बसें कम चलने से यात्री को असुविधा का सामना करना पड रहा है।