रायपुर,। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज नॉर्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन (नाचा) के द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुई। इस दौरान उन्होंने ब्लडफॉर अस पोर्टल का शुभारंभ किया। ब्लडफॉर अस पोर्टल की सराहना करते हुए उन्होंने रक्तदान को मानवीय कार्य बताया। राज्यपाल ने कहा कि आप लोगों गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत की मुझे बहुत अच्छा लगा। आप लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह सिद्ध कर दिया है कि ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया‘। राज्यपाल ने विदेशों में निवासरत चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों का छत्तीसगढ़ के विशेषज्ञों और नागरिकों के साथ वर्चुअल मीटिंग करने सुझाव दिया। साथ ही इम्युनिटी बढ़ाने के तरीके की भी जानकारी देने को कहा।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल प्रदेश का पालक होता है। जब मैं राज्यपाल बनीं तो उसके बाद से अब तक जो भी राजभवन के दरवाजे आया उसको मैंने सम्मान दिया। मैंने सभी को समान भाव से देखा और मदद करने की कोशिश की। ऐसी ही भावना से आप छत्तीसगढ़वासियों की सेवा कर रहे हैं, यह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस कोरोना के समय सबसे अधिक जरूरत टीकाकरण की जागरूकता की विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में। आपसे आग्रह है कि आप जिस क्षेत्र से हैं उन क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करें और भ्रांतियां दूर करने में मदद करें। भविष्य में कोरोना की और लहर आने की संभावना है। साथ ही ब्लैक फंगस की बीमारी भी फैल रही है। ऐसी बीमारियों से निजात पाने के लिए आप लोगों में जो विशेषज्ञ हों वो आगे आएं और कोरोना के तीसरी लहर के प्रति लोगों को आगाह करें। राज्यपाल ने कोरोना काल में राजभवन में किए गए जागरूकता कार्यक्रम की भी जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि वास्तव में किसी की मदद की सच्ची भावना हो, देश के लिए कुछ करने की इच्छाशक्ति हो तो न संसाधन कम पड़ते हैं न कोई परेशानी सामने आती है। यह कार्य नाचा संस्था ने कर दिखाया है कई किलोमीटर दूर रहते हुए उनमें मातृभूमि की प्रेम बरकरार है और इसी प्रेम की बदौलत उनमें इस करोेना संकट के समय देश और प्रदेशवासियों की मदद की। वास्तव में ऐसे लोगों को समाज हमेशा याद करता है। राज्यपाल ने कहा कि पिछले कुछ समय से पूरा देश सहित हमारा छत्तीसगढ़ कोविड-19 के संक्रमण से गुजर रहा है। कुछ समय पहले हमने संक्रमण के प्रथम चरण का भी सामना किया था, लेकिन फिर से कोरोना के दूसरे संक्रमण का भी सामना करना पड़ रहा है। शुरूआत में इस संक्रमण के लिए अपेक्षाकृत तैयार नहीं थे। इस कारण कुछ ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा। अब स्थिति संभल रही है। इस दौरान कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने पीड़ितों की मदद की। नाचा संस्था द्वारा किए कार्यों के लिए राज्यपाल ने उन्हें धन्यवाद दिया और उनकी सराहना भी की।
सुश्री उइके ने कहा कि इस संकट के समय सबसे ज्यादा जरूरत है हममें आत्मबल और संयम की। इसके लिए आवश्यक है कि समाज में लोग एक दूसरे की मदद करें। किसी भी व्यक्ति को ऐसा महसूस न हो की वह अकेला हो। इस संकट के समय हम एक दूसरे की मदद करें तो मानसिक रूप से संबल मिलता है। यही काम नाचा संस्था ने किया। उनके द्वारा की गई छोटी से छोटी मदद देश और प्रदेश को ताकत प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि नाचा संस्था द्वारा ब्लड फॉर अस पोर्टल की शुरूआत की जा रही है। उसके लिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देती हूं। इस कोविड संकट के समय रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं हो पा रहा है। रक्तदाता भी रक्तदान नहीं कर पा रहे हैं, जिससे ब्लड बैंक में रक्त की कमी की समस्या खड़ी हो सकती है। अतः ब्लड फॉर अस पोर्टल के माध्यम से बीमार, दुर्घटना में घायल या अन्य लोगों को रक्त की सहायता मिलेगी। यह इस समय सबसे बड़ा मानवीय कार्य है। इससे किसी की जान बच सकती है। सबसे अच्छी बात है कि यह कार्य छत्तीसगढ़ के ऐसे निवासियों ने शुरू की है जो विदेशों में रह रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह वास्तव में राष्ट्र के लिए किया गया कार्य है। समाज में जो भी व्यक्ति बिना अपेक्षा के दूसरों के कल्याण के लिए कार्य करता है तो पूरा समाज उसे पूजता है और समाज में एक स्थान भी प्राप्त होता है। ऐसे कार्यों से जो उन्हें संतुष्टि मिलती है वह संतुष्टि अन्य कार्यों से नहीं मिलती है। वास्तव में हममें किसी की मदद करने की सच्ची भावना होनी चाहिए। साथ ही देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति हो तो न संसाधन कम पड़ते हैं न कोई परिस्थितियां सामने आती है। यह बात नाचा संस्था ने कर दिखाया है वे कई किलोमीटर दूर रहते हुए भी उन्होंने अपने देश के कुछ करने की ठानी और कर दिखाया। ऐसे लोगों को उनके इन कार्यों के लिए समाज और देश हमेशा याद रखेगा। समाज को ऐसे संस्थाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए।
ब्लड फॉर अस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गणेश कर ने बताया कि ब्लड फॉर अस पोर्टल अमेरिका में निवासरत छत्तीसगढ़ के नागरिकों द्वारा शुरू किया गया संस्था है, जिसके द्वारा जरूरतमंद लोगों के रक्त की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए दानदाताओं और रक्त की उपलब्धता का डेटाबेस रहेगा। रायपुर में एक कॉल सेंटर की स्थापना की जाएगी, जिसके माध्यम से जरूरतमंद लोगों की मदद की जाएगी। अगर किसी को रक्तदाता की आवश्यकता है तो वह अपना अनुरोध सबमिट कर सकता है। उन्होंने बताया कि यह संस्था किसी भी व्यक्ति के सहायता के लिए पूर्णतः निशुल्क कार्य करते हुए, रक्तदाता को जीवनदाता के रूप में हर जगह हर समय उपलब्ध करवाने हेतु तत्पर रहेगा। इस अवसर पर नाचा संस्था के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।