नई दिल्ली । भारत सरकार “संपूर्ण सरकार” दृष्टिकोण के माध्यम से कोविड-19 प्रबंधन के लिए दवाओं और निदानिकी की खरीद में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता कर रही है। अप्रैल, 2020 से विभिन्न दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, पीपीई किट और मास्क आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का सक्रिय रूप मदद कर रही है। हालिया दिनों में कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने म्यूकोर्मिकोसिस के रूप में कोविड जटिलताओं से पीड़ित मरीजों की बढ़ती संख्या के बारे में बताया है। म्यूकोर्मिकोसिस को ब्लैक फंगस के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली फंगल-रोधी दवा एम्फोटेरिसिन-बी की भी कमी बताई गई है।
औषध विभाग और विदेश मंत्रालय के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एम्फोटेरिसिन-बी दवा के घरेलू उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने वैश्विक उत्पादकों से आपूर्ति हासिल करके घरेलू उपलब्धता को पूरा करने के लिए प्रभावी प्रयास किए हैं। अप्रैल, 2021 में इन कंपनियों की उत्पादन क्षमता काफी सीमित थी। भारत सरकार के जिम्मेदारी संभालने के परिणामस्वरूप ये घरेलू उत्पादक मई 2021 में कुल मिलाकर 1,63,752 शीशियों का उत्पादन करेंगे। इसके उत्पादन को जून 2021 के महीने में 2,55,114 शीशियों तक बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा फंगल-रोधी दवा की घरेलू उपलब्धता को आयात के जरिए पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। मई, 2021 में एम्फोटेरिसिन-बी की 3,63,000 शीशियों का आयात किया जाएगा, जिससे देश में इसकी कुल उपलब्धता 5,26,752 शीशियों (घरेलू उत्पादन सहित) की होगी। जून, 2021 में 3,15,000 शीशियों का आयात किया जाएगा। इससे जून, 2021 में घरेलू आपूर्ति के साथ एम्फोटेरिसिन-बी की देशव्यापी उपलब्धता को बढ़ाकर 5,70,114 शीशियों तक किया जाएगा।