कानपुर । कोरोना इलाज में चूक के कारण निगेटिव होने के बाद रोगियों की मौतें हो रही हैं। पोस्ट कोविड स्थिति में रोगियों को ढंग से इलाज नहीं मिल पा रहा है। इससे कोरोना निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी कुछ दिनों के अंदर रोगी मर रहे हैं। जबकि, कुछ रोगी पहले से अधिक गंभीर स्थिति में फिर से अस्पताल पहुंच रहे हैं। नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन इंडिया ने कहा है कि खासतौर पर स्टेरॉयड के इस्तेमाल में डॉक्टरों से चूक होने के चलते यह स्थिति उत्पन्न हो रही है। संस्था ने इलाज के तरीके पर सवाल उठाते हुए मरीजों की स्थिति को देखकर उनके प्रबंधन की सलाह दी है। संस्था के सेंट्रल जोन के चेयरमैन प्रोफेसर एसके कटियार का कहना है कि फिजिशियन रोगियों को पहले हाई पॉवर का स्टेरॉयड दे रहे हैं। इससे निमोनिया कम होने लगता है। इस बीच कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। उसके बाद स्टेरॉयड बंद कर दिया जाता है, जबकि वैज्ञानिक तरीके से इसकी डोज धीरे-धीरे कम करते हुए बंद की जानी चाहिए। ऐसा न करने से ही रोगी की स्थिति फिर बिगडऩे लगती है। फेफड़ों की स्थिति फिर पहले जैसी या उससे भी खराब हो जाती है। इससे रोगियों की मौत हो जाती है। प्रोफेसर कटियार ने बताया कि कुछ रोगियों को फिर और गंभीर स्थिति में दोबारा भर्ती करना पड़ता है। उनका ऑक्सीजन लेवल बहुत लो रहता है।