बिलासपुर । कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आमजनता व गरीब वर्ग पर प्रशासन कड़ाई से लॉकडाउन का पालन कराने में जुटी हुई है लेकिन उद्योगों व उद्योगपतियों के आगे प्रशासन की एक भी नहीं चल रही है7 जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से अपना पैर पसार रहा है लगातार कोरोना पाजिटिव मरीजो की संख्या में वृद्धि हो रही है, कोरोना मरीजो के मौतों का आकड़ा भी बढ़ता ही जा रह है ऐसे वक्त में सीपत क्षेत्र में लॉकडाउन के नियमो की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही है वही हिन्द कोलवासरी प्रबंधन लॉकडाउन में तीन शिफ्टो में कोयला उत्पादन करने में लगा हुआ है7 क्षेत्र में बारम्बार कोरोना नियमो को धता बताते हुए कार्य हो रहे है बावजूद इसके कानून का पालन करा पाने में सीपत पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी अक्षम साबित हो रहे है जिन्हें जिले के कलेक्टर को संज्ञान लेकर ऐसे लापरवाह अधिकारियो व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि कोरोना संक्रमण के भीषण परिणाम से सुरक्षा मिल सके।
सीपत क्षेत्र के हिंडास्रडीह में स्थित हिन्द कोलवासरी प्रबंधन द्वारा जिले में लॉकडाउन लगने के बाद भी 24 घंटे तीन शिफ्टो में वासरी से कोयला निकालने का कार्य व परिवहन कराया जा रहा है, क्षेत्र में व्यापक स्तर पर कोरोना संक्रमण का फैलाव हो रहा है जिसके बाद भी हिन्द कोलवासरी प्रबंधन द्वारा नियमो का पालन नहीं किया जा रह है7 हिंडाडीह के पूर्व सरपंच शत्रुघन लास्कर सहित ग्रामीणों ने एसडीएम के नाम ज्ञापन में कहा की हिन्द कोलवासरी प्रबंधन, कोलवासरी प्रभावित ग्रामीणों सहित कोलवासरी में लगे वाहन मालिको के बीच कई वर्षो से विभिन्न समस्याओ को लेकर विवाद चला आ रहा है जिसका समाधान आज तक नहीं हुआ है इन समस्याओ की विस्तृत जानकारी आपके समक्ष दिया जा रहा है जिसमे हिन्द एनर्जी कोलवासरी भूविस्थापित किसानो, ग्रामीणों को सही मुआवजा नहीं मिलने, बेरोजगारो को रोजगार सहित अन्य मांगो के संबंध में कोलवासरी के सामने विरोध करने पहुचे ग्रामीणों एवं सीपत तहसीलदार की मौजूदगी में आपसी सहमति के लिए सीपत थाना परिसर में बैठक आयोजित किया गया जिसमे सभी ग्रामीण, वासरी संचाल ,मस्तूरी एसडीएम, सीपत तहसीलदार की उपस्थिति में बैठक हुई इस दौरान प्रभावित ग्रामीणों की जायज मांग के संबंध में चर्चा की गयी7 प्रशासनिक अधिकारियो के समक्ष कोलवासरी प्रबंधन एवं ग्रामीणों के बीच मांगो पर सहमति नहीं बनी वही कोलवासरी प्रबंधन द्वारा कोरोनाकाल का हवाला देकर पिछले पांच महीनो से कोलवासरी का संचालन बंद कर दिया गया था लेकिन हाल ही में जिले में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ही बिना ग्रामीणों को सूचना दिए पुन: कोलवासरी प्रारंभ कर कोयला का उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया है जबकि प्रबंधन द्वारा कोलवासरी प्रारंभ करने के पूर्व प्रभावितों-वाहन मालिको की समस्याओ का समाधान करने का आश्वासन दिया गया था 7 ज्ञात हो कि हिन्द कोलवासरी ग्राम पंचायत हिंडाडीह में वर्ष 2007-08 से संचालित है, हिन्दवासरी के स्थापना के पूर्व सरपंच आसपास के ग्रामीणजन, जनप्रतिनिधिगण, तहसीलदार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी सहित हिन्द कोलवासरी प्रबंधन के बीच व उपस्थिति में वर्ष 2007 में कई बिन्दुओ पर अनुबंध हुआ है लेकिन अनुबंध का पालन आज पर्यंत तक नहीं किया जा रहा है। हिन्द कोलवासरी हिंडाडीह के प्रभावित किसान, ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों एवं आसपास के वरिष्ठजनो ने पंचायत प्रस्ताव, अनापत्ति प्रमाणपत्र, जनसुनवाई, क्षमता विस्तार की जनसुनवाई में कैमाडीह, खांडा, बिरगहनी, गतौरा में लोगो ने बढ-चढ़कर वासरी प्रबंधन के पक्ष में हिस्सा लिया, जब हिन्द कोलवासरी प्रारंभ हुआ तब से आसपास के लोगो को कई तरह से क्षति हुई जिसमें शुद्ध हवा, ध्वनि, जल प्रदुषण व्यापक पैमाने पर हो रहा है, क्षेत्र के तालाब सहित ग्रामीणों के घरो में काला धुल व् धुँआ ने घर कर लिया है जिसके चलते बीमारी फ़ैल रहा है जिसे ग्रामीणों द्वारा सहन किया जा रहा है। हिन्द कोलवासरी हिंडाडीह में स्थापित है लेकिन दुर्भाग्य है कि वासरी के आरम्भ से लेकर अब तक तकऱीबन 100 से भी ज्यादा ग्रामीणों को जो वासरी में कार्यरत थे उन्हें काम से बाहर कर दिया गया है वही केवल 17 ग्रामीण ही वासरी में कार्यरत है जिसकी जानकारी मांगे जाने पर हिन्द कोलवासरी प्रबंधन द्वारा दिया गया है जबकि प्लांटो में प्रभवित ग्राम पंचायत के ग्रामीणों को प्राथमिकता देते हुए ज्यादा से ज्यादा काम पर रखा जाता है। हिन्द कोलवासरी द्वारा नियमो को ताक में रखकर कोटवारी जमीन 91 एकड़ 35 डिसमिल जमीन पर अवैध रूप सेकब्जा किया गया है जिसका विगत कई वर्षो से प्लांट में उपयोग किया जा रहा है जिसके सीमांकन के लिए हिंडाडीह कोटवार द्वारा आवेदन पूर्व में राजस्व विभाग को किया गया था लेकिन इस जमीन का सीमांकन नहीं किया गया है7 इसी तरह वर्ष 1991-92 जिसका खसरा न. 47 में कुल 4.80 एकड़ /1.944 हे. जमीन था जोकि वर्ष 2007-08 के नकल में खसरा न. 47 जमीन 2.944 हे. जमीन बढ़कर 01 हे. जमीन पवन अग्रवाल पिता एस.आर.अग्रवाल, राजीव पिता रामचंद्र, सतीश पिता अर्जुन लाल के नाम पर दर्ज बताया जा रहा है जिसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए7 हिन्द कोलवासरी की मनमानी के चलते हिंडा डीह एवं आसपास के ट्रांसपोर्टर व अन्य वाहन मालिक पूर्णरूप से बर्बाद हो गए है, हिन्द कोलवासरी प्रबंधन द्वारा वीआरएल कंपनी को 80-90 हाईवा वाहन प्रदत्त किये गए थे, 5-6 वर्ष पूर्व वासरी को लगभग 11 करोड़ का वित्तीय घाटा हुआ था जिसके चलते हिन्द कोलवासरी प्रबंधन उक्त वाहनों को अपने कब्जे में लेकर व् विक्रय कर कंपनी के घाटे की भरपाई की थी जिसकी जानकारी स्थानीय ट्रांसपोर्टरो को भी है क्योकि उन वाहनों में से कुछ वाहन हिन्द कोलवासरी प्रबंधन द्वारा क्षेत्रीय ट्रांसपोर्टरो को दिया गया था7 कोलवासरी प्रभावित ग्रामीणों-वाहन मालिको ने कोरोनाकाल-लॉकडाउन समाप्ति पश्चात् हिन्द कोलवासरी प्रबंधन, कोलवासरी प्रभावित ग्रामीणों सहित कोलवासरी में लगे वाहन मालिको, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, क्षेत्रीय अधिकारियो, ग्रामीण प्रमुखजनो, प्रेस-मिडिया जनो,कृषकजनों की उपस्थिति में एक तिथि तय कर हिन्द कोलवासरी हिंडाडीह मुख्य गेट के सामने बैठक कर तीन पक्षों की समस्याओ का समाधान करने की मांग किया है।
धनिया-परसाही में स्टील प्लांट लगाने की है तैयारी
मस्तुरी क्षेत्र के ग्राम पंचायत धनिया व परसाही के समीप गुपचुप रूप से नवीन स्टील प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है इसके लिए परसाही के पास स्थित नीलागर नदी से प्लांट तक पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है7 क्षेत्र में स्टील प्लांट लगाने के कार्य को बेहद ही गोपनीय रूप से किया जा रह अहै ताकि ग्रामीणों द्वारा किसी भी तरह से व्यवधान उत्पन्न ना हो सके लेकिन क्षेत्र में लगाए गए प्लांट की वजह से ग्रामीणों को विभिन्न समस्याओ से जूझना पड़ रहा है।