भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच चलने वाली बस सेवा को सात मई तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। राज्य सरकार ने यह फैसला कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लिया है। प्रतिबंध के दौरान न तो मध्य प्रदेश से कोई यात्री बस उत्तर प्रदेश जाएगी और न ही वहां से कोई बस मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश करेगी। यह प्रतिबंध सात मई तक प्रभावी रहेगा। इसके बाद परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। यह प्रतिबंध सभी तरह की बसों पर लगाया गया है। पर्यटन परमिट पर भी बस नहीं आ-जा सकेंगी। मध्य प्रदेश का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश से जुड़ता है। इस रोक से ग्वालियर, मुरैना, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा आदि जिलों में उत्तर प्रदेश से बसों का आवागमन बंद हो जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब प्रदेश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे, तब निवाड़ी और दतिया में झांसी से लोगों की आवाजाही की बात सामने आई थी। अधिकारियों ने बताया था कि झांसी में कर्फ्यू नहीं होने की वजह से बसों का संचालन जारी है। जबकि, संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए महाराष्ट्र से आने-जाने वाली बसों का परिवहन काफी पहले रोक दिया था। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बसों के संचालन पर रोक लगाने पर विचार करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद परिवहन आयुक्त कार्यालय ने सात मई तक यात्री बसों के संचालन को स्थगित करने के आदेश जारी किए हैं।